चुनाव 2024

आम चुनाव 2024: श्‍याम रंगीला ने पीएम मोदी के सामने ठोकी ताल, बताई वाराणसी से चुनाव लड़ने की वजह

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देश में आम चुनाव के दो चरण के मतदान हो चुके है. तीसरे चरण का मतदान 12 राज्यों की 94 लोकसभा सीटों पर 7 मई मंगलवार को होगा.

इनके सब के बीच क्‍या श्‍याम रंगीला सच में पीएम नरेंद्र मोदी के सामने उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी से चुनाव लड़ेगा? कॉमेडियन होने की वजह से श्‍याम रंगीला कोई मजाक तो नहीं कर रहा? और अगर बात सच है तो फिर श्‍याम रंगीला के वाराणसी से चुनाव लड़ने की वजह क्‍या है?

श्‍याम रंगीला राजस्‍थान के हनुमानगढ़ से हैं. यूपी के वाराणसी जाकर पीएम नरेंद्र मोदी के सामने लोकसभा चुनाव लड़ने की असली वजह खुद श्‍याम रंगीला ने बताई है. इसके लिए मोदी स्‍टाइल में रंगीला ने ‘मन की बात’ की है.

श्‍याम रंगीला ने अपने इंस्‍टाग्राम पर ‘Rangeela For Varanasi मन की बात’ शीर्षक से वीडियो शेयर कर बताया कि वाराणसी से चुनाव लड़ने का उनकी घोषणा कोई मजाक नहीं है. आज ‘मन की बात’ के जरिए वे वाराणसी से चुनाव लड़ने की असली वजह बताने आए हैं.

श्‍याम रंगीला ने कहा कि मैंने पीएम मोदी के सामने ताल ठोक दी है. पीछे हटने वाला नहीं हूं. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर रंगीला को इसकी क्‍या जरूरत पड़ी? मैं चुनाव लड़ने वाराणसी क्‍यों जा रहा हूं? सीधा प्रधानमंत्री को ही चुनौती क्‍यों दे रहा हूं?

वाराणसी से चुनाव लड़ने की वजह के सवाल का जवाब देते हुए श्‍याम रंगीला ने बताया कि भारत लोकतांत्रिक देश है. कोई व्‍यक्ति कहीं से भी चुनाव लड़ सकता है. रंगीला ने कहा कि जैसा हि हमने देखा है कि पिछले दिनों चंडीगढ़, सूरत व इंदौर में जो हुआ.

दरअसल, सूरत, इंदौर व पुरी में कांग्रेस उम्‍मीदवारों ने टिकट लौटा दिए. चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया. इस बात को आगे बढ़ाते हुए श्‍याम रंगीला कहते हैं कि कहीं ऐसा वाराणसी में ना हो जाए. इसलिए वो वहां से चुनाव लड़ने जा रहे हैं.डर है कि वाराणसी में भी सूरत-इंदौर के जैसा हुआ तो अगर एक व्‍यक्ति पीएम मोदी के विरोध में वोट देना चाहेगा तो वो किसे वोट देगा? इसलिए मैंने वाराणसी से चुनाव लड़ने की घोषणा की है. ताकि पीएम मोदी के अलावा किसी अन्‍य उम्‍मीदवार का ईवीएम में नाम तो हो.

वाराणसी उर्फ बनारस से चुनाव लड़ने की दूसरी वजह श्‍याम रंगीला यह बताते हैं कि उनकी आवाज बुलंद होगी. खुद वाराणसी की जनता उन्‍हें बुला रही है. चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद से खूब प्‍यार मिल रहा है. वैसे भी मैं पीएम मोदी की स्‍टाइल में जो जिस भाषा में समझेगा उसे उसी भाषा में जवाब देना है.

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