लोगों का हुजूम, मौहाल गमगीन, देशभक्ति के नारे और सामने रखा ताबूत… सैन्य वर्दी जैसी यूनिफॉर्म पहने हुए छह साल का बेटा शहीद पिता कर्नल मनप्रीम सिंह को सैल्यूट कर रहा है. पत्नी हाथ जोड़े प्रार्थना कर रही हैं. मौके पर मौजूद हर शख्स की आंख नम है क्योंकि किसी ने पिता, किसी ने पति तो किसी ने अपना बेटा और देश ने अपना वीर सपूत खोया है.
बुधवार को जम्मू कश्मीर में अनंतनाग जिले में एक ऊंचाई वाले इलाके में आतंकवादियों के साथ सेना और पुलिस के जवानों की मुठभेड़ हो गई थी, जिसमें 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोनैक और पुलिस उपाधीक्षक हुमायूं भट गंभीर रूप से घायल हो गए थे. जिन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था.
इनमें कर्नल मनप्रीत सिंह मूल रूप से पंजाब के मोहाली के मुल्लांपुर गरीबदास गांव के रहने वाले थे. उनके इसी पैतृक गांव में उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार शुक्रवार (15 सितंबर) को किया गया. अंतिम विदाई के समय महौल ऐसा था कि उसे देख कोई भी भारतीय भावुक हो जाए.
कर्नल मनप्रीम सिंह के छह साल के बेटे को शायद ही पता होगा कि पिता अब दुनिया में नहीं लौटेंगे. छह साल के बच्चे में समझ ही कितनी होती है, उसे पता ही कितना होता है. आसपास के लोगों की प्रतिक्रिया जैसी हो, बच्चा वैसे ही रिएक्ट करने लगता है.
तारीफ कर्नल के परिवार की करनी होगी कि बेटे को खोने के बाद भी अपनी धरती और सेना के लिए जज्बा इस कदर बरकरार है कि नन्हे मासूम को भी सेना की वर्दी जैसी ड्रेस पहनाकर उसके पिता की पार्थिव देह वाले ताबूत के सामने लाकर खड़ा कर दिया और सलामी दिलवाई.
शायद अबोध बच्चे को अभी से यह संदेश देने की हिम्मत जुटाई गई है कि एक फौजी के लिए वर्दी ही सहकुछ हैं, जिसका कर्तव्य निभाने के लिए प्राण भी न्यौछावर करने पड़ें तो फौजी पीछे नहीं हटता है.
बेटे ने वर्दी पहन दिया सैल्यूट-:
पत्नी जगमीत कौर प्रार्थना करती हुईं-: