द्रौपदी मुर्मू देश की 15वीं महामहिम बन गई हैं. सोमवार (25 जुलाई, 2022) को उन्हें सीजेआई एनवी रमण ने राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई. अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा- मैं प्रेसिडेंट बनी, यह लोकतंत्र की महानता है. भारत में गरीब सपने देख सकता है और उन्हें पूरा भी कर सकता है. युवाओं और महिलाओं को मैं खास विश्वास दिलाती हूं. अनेक बाधाओं के बावजूद मेरा दृढ़ संकल्प मजबूत रहा.
इन मामलों में रचा इतिहास
– देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति
– पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति
– सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति
– स्वतंत्र भारत में पैदा होने वाली पहली राष्ट्रपति
मुर्मू (64) ने देश की नई राष्ट्रपति बनने के लिए निर्वाचक मंडल सहित सांसदों और विधायकों के मतपत्रों की मतगणना में 64 प्रतिशत से अधिक मान्य मत हासिल किए थे. विपक्ष के कैंडिडेट यशवंत सिन्हा के खिलाफ उन्होंने भारी अंतर से जीत हासिल की. निर्वाचन अधिकारी पी. सी. मोदी ने बताया कि उन्हें सिन्हा के 3,80,177 मतों के मुकाबले 6,76,803 मत हासिल हुए थे.
केरल के एक विधायक को छोड़कर सभी विधायकों ने सिन्हा को वोट दिया जबकि मुर्मू को आंध्र प्रदेश से सभी मत मिले. वह स्वतंत्रता के बाद पैदा होने वाली पहली राष्ट्रपति होंगी और शीर्ष पद पर काबिज होने वाली सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति होंगी. वह राष्ट्रपति बनने वाली दूसरी महिला भी हैं.