भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर के चंद्रमा की सतह पर उतरने के समय में बदलाव किया है. यह मून लैंडर पहले चांद पर शाम 5 बजकर 47 मिनट पर उतरने वाला था, लेकिन इसरो ने समय में बदलाव करते हुए अब 23 अगस्त को 17 मिनट देरी से यानी शाम 6 बजकर 04 मिनट पर चांद की सतह पर इसे उतारेगा. इसरो ने साथ ही बताया कि चंद्रयान-3 की लैंडिंग का कई प्लेटफॉर्म्स पर सीधा प्रसारण किया जाएगा.
इसरो ने रविवार को कहा कि लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) से युक्त लैंडर मॉड्यूल के 23 अगस्त को शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा की सतह पर उतरने की उम्मीद है. इससे पहले, इसरो ने कहा था कि मॉड्यूल 23 अगस्त को शाम पांच बजकर 47 मिनट पर चंद्रमा की सतह पर उतरेगा.
ISRO ने इसके साथ ही कहा कि यह उपलब्धि भारतीय विज्ञान, इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी और उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगी, जो अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की प्रगति का प्रतीक होगी. पूरा देश चंद्रयान-3 को ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ में सफल होते देखना चाहता है. इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम का सीधा प्रसारण 23 अगस्त, 2023 को भारतीय समयानुसार शाम 17:27 बजे शुरू किया जाएगा.
‘सॉफ्ट-लैंडिंग’ का सीधा प्रसारण इसरो की वेबसाइट, इसके यूट्यूब चैनल, इसरो के फेसबुक पेज और डीडी नेशनल टीवी चैनल सहित कई मंचों पर उपलब्ध होगा. इसरो ने कहा, ‘चंद्रयान-3 की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ एक यादगार क्षण होगी जो न केवल जिज्ञासा को बढ़ाती है, बल्कि हमारे युवाओं के मन में अन्वेषण के लिए जुनून भी जगाती है.’
इसने कहा, ‘यह गर्व और एकता की गहरी भावना पैदा करता है क्योंकि हम सामूहिक रूप से भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी की शक्ति की खुशी मनाते हैं. यह वैज्ञानिक जांच और नवाचार के माहौल को बढ़ावा देने में योगदान देगा.’
इसरो ने कहा कि इसे देखते हुए देशभर के सभी विद्यालय और शैक्षणिक संस्थानों को छात्रों और शिक्षकों के बीच इस कार्यक्रम को सक्रिय रूप से प्रचारित करने और अपने परिसरों में चंद्रयान-3 की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का सीधा प्रसारण करने के लिए आमंत्रित किया जाता है.
चंद्रयान-3 का रविवार तड़के दूसरा डीबूस्टिंग ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा हुआ है. इसके साथ ही मिशन का अंतिम चरण चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की ओर संचालित है. चंद्रयान-3, मून एक्सप्लोरेशन सीरीज में भारत का तीसरा मिशन 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था.
इस स्पेसक्राफ्ट ने 5 अगस्त को लूनर आर्बिट में प्रवेश किया था और यह 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला है. ISRO अंतरिक्ष एजेंसी ने एक्स (Twitter) पर पोस्ट कर लैंडिंग के समय की घोषणा की और लोगों को उनकी शुभकामनाओं और सकारात्मकता के लिए धन्यवाद दिया है.
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (आईआईए), बेंगलुरु की निदेशक प्रोफेसर अन्नपूर्णी सुब्रमण्यन ने कहा कि वह इसरो के चंद्रयान -3 की सफलता को लेकर आश्वस्त हैं. उन्होंने कहा कि हम बिना किसी समस्या के वहां पहुंच जाएंगे. लेकिन यह आखिरी 30 किमी है; वे काफी महत्वपूर्ण होंगे. अंतरिक्ष के पैरामीटर विशाल हैं और इसमें जटिलताएं शामिल हैं. इसकी हमेशा एक छोटी सी गैर-शून्य संभावना रहेगी कि यह गलत हो सकता है और हम इसे खत्म नहीं कर सकते. लेकिन मुझे पूरा यकीन है कि हम इस बार ऐसा करेंगे. सुब्रमण्यम ने कहा, ‘इसमें बड़ी तैयारी की गई है और चंद्रयान-3 के सफल होने की संभावना सबसे ज्यादा है.’