बेंगलुरु| भारत ने इतिहास रच दिया है क्योंकि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के महत्वाकांक्षी तीसरे चंद्र अभियान चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर ने बुधवार शाम को चंद्रमा की सतह को छू लिया है. भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश और धरती के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया है, जो अब तक अनछुआ था.
इस अभियान के तहत यान ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की, जहां अभी तक कोई देश नहीं पहुंच पाया था. चंद्र सतह पर अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ और चीन ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर चुके हैं, लेकिन उनकी ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर नहीं हुई थी.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का 600 करोड़ रुपए का चंद्रयान-3 मिशन चांद पर लैंडर को उतारने का चार साल में अंतरिक्ष एजेंसी का दूसरा प्रयास था. अब अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ के बाद भारत चंद्र सतह पर ‘सॉफ्ट-लैंडिंग’ की तकनीक में महारत हासिल करने वाला चौथा देश बन गया है.