ओला-ऊबर जैसी टैक्सी सर्विस कंपनियों को अब बड़ी चुनौती दे सकती है. केंद्र सरकार जल्द ही इसके लिए नए ऐप को शुरू करने वाली है. इससे कैब एग्रीगेटर्स को कड़ी चुनौती मिलेगी. केंद्र सरकार ने अब तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है. ये ऐप कब से शुरू होगा और ये कैसे काम करेगा, आइये जानते हैं.
भारत में हर रोज लोग बड़ी संख्या में टैक्सी का इस्तेमाल करते हैं. ओला, ऊबर और रेपिडो जैसी कंपनियां वर्तमान में टैक्सी सर्विस मुहैया करवाती हैं. हालांकि, अब केंद्र सरकार बहुत जल्दी इन कंपनियों को चुनौती देने वाली है. केंद्र सरकार की तरफ से इस बारे में संसद में घोषणा की गई है. 26 मार्च 2025 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से जल्द कोऑपरेटिव टैक्सी सर्विस शुरू की जाएगी. अमित शाह ने इस जानकारी को अपने एक्स हैंडल से भी शेयर की.
खास बात है कि इस सर्विस में दो पहिया वाहनों के साथ-साथ रिक्शा और कार का भी रजिस्ट्रेशन करवाया जाएगा. गाड़ी एक बार रजिस्टर हो जाए फिर आम लोग उसे बुक कर सकते हैं.
किसे मिलेगा फायदा
ओला-ऊबर में ड्राइवर पहले कार को रजिस्टर करते है फिर ऐप की मदद से उन्हें राइड मिलती है. राइड के किराए का एक हिस्सा कंपनी रखती हैं तो एक हिस्सा ड्राइवर रखता है. हालांकि, केंद्र सरकार की सर्विस में ऐसा नहीं है. इस सर्विस का मुनाफा सीधा ड्राइवर को मिलेगा. हालांकि, अब तक साफ नहीं हो सका है कि ये सर्विसेज कैसे काम करेगी.
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि मान्यवर आने वाले कुछ ही महीनों में कोऑपरेटिव बेसिस पर ओला-ऊबर जैसी बहुत बड़ी कोऑपरेटिव सहकारी टैक्सी आने वली है. इस सर्विस के अंदर टू-व्हीलर, फोर व्हीलर और रिक्शा का रजिस्ट्रेशन होगा. उसका मुनाफा किसी धन्नासेठों के हाथ में नहीं बल्कि ड्राइवर के पास जाएगा. हम ऐसी एक कोओपरेटिव लेकर आए हैं.