अच्छा स्वास्थ्य इंसान की आधारभूत जरूरतों में से एक है. लेकिन महंगाई के दौर में हर कोई अपना बेहतर इलाज नहीं करवा पाता है. ऐसे ही लोगों के लिए मोदी सरकार ने आयुष्मान योजना शुरू की. इस योजना के तहत देश में बड़ी संख्या में लोग सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज करा पा रहे हैं. लेकिन अब आयुष्मान योजना का दायरा और बढ़ाया जा रहा है.
जी हां केंद्रीय सरकार ने इस योजना में इजाफा करने की तैयारी कर ली है. इस इजाफे के तहत अब लोग महंगे अस्पतालों में अपना मुफ्त इलाज करा सकेंगे. इसको लेकर खुद सरकार ने संसद सत्र के दौरान खुलासा किया है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला.
दरअसल संसद के मानसून सत्र के दौरान शिवसेना (UBT) सांसद अरविंद सावंत ने सदन में आयुष्मान योजना को लेकर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि इस योजना के दायरे में निजी सेक्टर के अस्पताल नहीं आते हैं. ऐसे में लोगों को इलाज में परेशानी हो रही है. कई जगहों पर अच्छे सरकारी अस्पताल नहीं है या फिर यहां डॉक्टर ही नहीं होते हैं. ऐसे में निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता है. इस योजना के तहत प्राइवेट सेक्टर के कई निजी अस्पताल नहीं आने से लोगों को दिक्कत होती है.
शिवसेना सांसद के सवाल के जवाब में सरकार की ओर से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने जवाब दिया. पटेल ने साफ किया है कि सरकार लगातार इस योजना का दायरा बढ़ाने की कोशिश में जुटी है. इस काम चल रहा है. इम्पैनल्ड अस्पतालों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है. इसके लिए बकायदा नेशनल हेल्थ अथॉरिटी, राज्य सरकारों और राज्यों की हेल्थ अथॉरिटी से भी विचार विमर्श किया जा रहा है.
पटेल ने कहा कि केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकारों को भी ये सुविधा दी गई है कि वह अपनी सुविधा और जरूरत के मुताबिक अस्पतालों को कस्टमाइज कर सकते हैं. जिन राज्यों या प्रदेशों में उन्हें लगता है कि वहां पर अस्पतालों की संख्या बढ़ाई या बदली जा सकती है तो वह ऐसा कर सकते हैं.
मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि निजी अस्पतालों में क्लेम सेटलमेंट प्रोसेज को आसान बनाने और लोगों को इसका लाभ लेने के लिए बात की जा रही है. अस्पतालों को समय-समय पर इससे जुड़ी हिदायत भी दी जाती है. पटेल ने बताया कि वर्ष 2018 में योजना की शुरुआत हुई थी तब इम्पैन्ल्ड अस्पतालों की संख्या करीब 8 हजार थी, जबकि अब यह बढ़कर 29281 तक पहुंच गई है.
सरकार की ओर से आयुष्मान योजना का दायरा बढ़ाने के लिए ग्रीन चैनल इनिशिएटिव भी शुरू किया गया है. इसके तहत जिन अस्पतालों का रिकॉर्ड साफ है उनके लिए सरकार की ओर से 50 फीसदी अपफ्रंट भुगतान किया जाता है. ताकि इलाज में कोई परेशानी न हो.
इसके साथ ही सरकार ने यह भी बताया कि इस योजना के तहत आने वाले लोगों का डाटा पूरी तरह गोपनीय रखा जाता है. बीजेपी सांसद और स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने बताया कि डिजिटल मिशन के तहत सारे मरीज और हेल्थ रिकॉर्ड एक मंच पर आएं इसके भी प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन एक्ट का पालन करता है ताकि किसी की निजी जानकारी सुरक्षित रहे.
तेजी से बन रहे आयुष्मान कार्ड
यही नहीं आयुष्मान कार्ड भी देशभर में तेजी से बन रहे हैं. ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ ले सकें इसको लेकर योजना में इजाफा भी किया जा रहा है. इसकी तैयारी लगातार जारी रहती है. इसके लिए लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है. इसके तहत आशा, एएनएम को घर-घर भेजकर लोगों को योजना के लाभ और इसकी जरूरत के बारे में समझाया जा रहा है. इसकी प्रक्रिया को और आसान बनाने के भी प्रयास हो रहे हैं ताकि लोग तुरंत अपना कार्ड बनवा सकें और इस योजना का लाभ ले सकें. इसके साथ ही इन्हें निजी अस्पतालों से जोड़ने की भी कोशिश की जा रही है.