पहलगाम हमले के बाद सरकार एक्शन में, सीसीएस की बैठक में सिंधु जल संधि रद्द सहित कई उपायों पर लिया निर्णय

जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारत समेत पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है. इस हमले में 28 लोगों की जान गई है. मरने वालों में अधिकांश पर्यटक हैं और कश्मीर घूमने गए हुए थे. आतंकी हमले के बाद भारत सरकार एक्शन में आ गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र की अध्यक्षता में बुधवार को पीएम आवास पर सीसीएस की बैठक की गई. दो घंटे से ज्यादा चली सीसीएस की बैठक में पहलगाम आतंकी हमले की समीक्षा की गई और आगे की रणनीति पर मुहर लग चुकी है.

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि सीसीएस ने समग्र सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और सभी बलों को उच्च सतर्कता बनाए रखने का निर्देश दिया. इसने संकल्प लिया कि इस हमले के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा और उनके प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया जाएगा. तहव्वुर राणा के हाल के प्रत्यर्पण की तरह, भारत उन लोगों की तलाश में निरंतर प्रयास करेगा जिन्होंने आतंकवादी कृत्यों को अंजाम दिया है या उन्हें संभव बनाने की साजिश रची है.”

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि आज शाम प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक हुई. सीसीएस को पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकवादी हमले के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे. कई अन्य घायल हुए थे. सीसीएस ने इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की आशा व्यक्त की… सीसीएस ने ऐसी भावनाओं के लिए अपनी सराहना दर्ज की, जो आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता को दर्शाती है.”

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि इस आतंकवादी हमले की गंभीरता को समझते हुए, सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने निम्नलिखित उपायों पर निर्णय लिया-

1) 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखा जाएगा, जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को त्याग नहीं देता.

2) एकीकृत चेकपोस्ट अटारी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा. जो लोग वैध तरीके के साथ सीमा पार कर चुके हैं, वे 1 मई 2025 से पहले उस मार्ग से वापस आ सकते हैं.

3) पाकिस्तानी नागरिकों को SAARC वीजा छूट योजना के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. पाकिस्तानी नागरिकों को अतीत में जारी किए गए किसी भी SPES वीजा को रद्द माना जाएगा. SPES वीजा के तहत वर्तमान में भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे हैं.

4) नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया जाता है. उनके पास भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय है.

5) भारत इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा. संबंधित उच्चायोगों में ये पद निरस्त माने जाएंगे.

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