ओडिशा के बालासोर रेल हादसे की जांच-पड़ताल के लिए मंगलवार (छह जून, 2023) को देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) मौके पर पहुंची. 10 सदस्यों वाले सीबीआई के दस्ते ने इस ट्रिपल ट्रेन क्रैश के मामले की जांच एक रोज पहले सोमवार (पांच जून, 2023) को जीआरपी से टेकओवर की थी.
इस बीच, ओडिशा में खुर्दा रोड डिविजन के डिविजनल रेलवे मैनेजर (डीआरएम) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सिग्नल सिस्टम से छेड़खानी का शक जताया. उन्होंने कहा- बिना छेड़छाड़ के सिग्नल ग्रीन नहीं हो सकता है. लूप लाइन पर पहले से मालगाड़ी मौजूद थी. पहले से ट्रैक पर ट्रेन थी, तब ग्रीन सिग्नल नहीं होगा. यह बात डेटा लॉगर से सामने आई है कि सिग्नल ग्रीन था.
इस बीच, कांग्रेस का आरोप है कि हादसे की सीबीआई से कराने की सरकार की घोषणा सिर्फ ‘हेडलाइन मैनेजमेंट’ है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने 2016 में कानपुर के पास हुए ट्रेन हादसे का जिक्र करते हुए कहा कि उस मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से जांच कराए जाने की घोषणा की गई थी, लेकिन आज तक पता नहीं चल पाया कि उस जांच का नतीजा क्या निकला. उन्होंने दावा किया कि बालासोर रेल हादसे के मामले में रेलवे सुरक्षा आयुक्त की ओर से रिपोर्ट सौंपे जाने से पहले ही सीबीआई जांच का ऐलान कर दिया गया.
इस बीच, कांग्रेस का आरोप है कि हादसे की सीबीआई से कराने की सरकार की घोषणा सिर्फ ‘हेडलाइन मैनेजमेंट’ है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने 2016 में कानपुर के पास हुए ट्रेन हादसे का जिक्र करते हुए कहा कि उस मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से जांच कराए जाने की घोषणा की गई थी, लेकिन आज तक पता नहीं चल पाया कि उस जांच का नतीजा क्या निकला. उन्होंने दावा किया कि बालासोर रेल हादसे के मामले में रेलवे सुरक्षा आयुक्त की ओर से रिपोर्ट सौंपे जाने से पहले ही सीबीआई जांच का ऐलान कर दिया गया.
दरअसल, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार शाम घोषणा की थी कि बालासोर रेल हादसे की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की गई है. सीबीआई से जांच को खारिज करते हुए कांग्रेस सहित 12 राजनीतिक दलों की राज्य इकाइयों ने सोमवार को विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग की ताकि निष्पक्ष जांच का मार्ग प्रशस्त हो सके.
ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रिपल ट्रेन एक्सिडेंट में 278 लोगों की जान जा चुकी है. यह आंकड़ा सोमवार को रेलवे की ओर से बताया गया था. भारतीय रेल ने बताया कि ऐसा इसलिए क्योंकि गंभीर रूप से घायलों तीन और यात्रियों की मौत हो गई थी. हालांकि, राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार मृतकों की संख्या तब तक 275 थी. रॉय के मुताबिक, 278 शवों में से 177 की पहचान कर ली गई है, जबकि 101 शवों की पहचान फिलहाल बाकी है. ये शव छह अस्पतालों में रखे गए हैं.