आईसीआईसीआई बैंक धोखाधड़ी मामले में वीडियोकॉन के मालिक वेणुगोपाल धूत को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्हें मुंबई में सीबीआई ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया है. एक अधिकारी ने ये जानकारी दी है.
वीडियोकॉन लोन मामले में गिरफ्तार आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और एमडी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को शनिवार को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया था. कोर्ट ने चंदा कोचर और दीपक कोचर को तीन दिन यानी आज सोमवार (26 दिसंबर) तक सीबीआई रिमांड में भेज दिया था.
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि आईसीआईसीआई बैंक ने वेणुगोपाल धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, आरबीआई के दिशानिर्देशों और बैंक की कर्ज नीति का उल्लंघन करते हुए 3,250 करोड़ रुपये की लोन फैसिलिटी मंजूर कीं. चंदा कोचर और दीपक कोचर की हिरासत संबंधी सुनवाई के दौरान, सीबीाई की ओर से पेश विशेष सरकारी वकील ए लिमोजिन ने दलील दी कि चंदा कोचर ने वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (वीआईईएल) को 300 करोड़ रुपये की कर्ज सुविधा को मंजूरी देकर आईपीसी की धारा 409 के तहत ‘आपराधिक विश्वासघात’ भी किया.
सीबीआई के मुताबिक साल 2009 में, चंदा कोचर की अध्यक्षता वाली आईसीआईसीआई बैंक की एक स्वीकृति समिति ने बैंक के नियमों और नीतियों के उल्लंघन में वीआईईएल को 300 करोड़ रुपये का एक ऋण मंजूर किया था. उसने कहा कि अगले ही दिन, वी एन धूत ने अपनी कंपनी सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (एसईपीएल) के माध्यम से वीआईईएल से एनआरएल को 64 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए. बाद में, चंदा कोचर ने वीडियोकॉन ग्रुप के प्रबंध निदेशक वी एन धूत से कथित रूप से प्राप्त 64 करोड़ रुपये को अपने पति की कंपनी न्यूपावर रिन्यूएबल लिमिटेड में निवेश करके अपने स्वयं के उपयोग के लिए बदल दिया.
सीबीआई ने 2019 में, दीपक कोचर के प्रबंधन वाली कंपनियों नूपावर रिन्यूएबल्स, सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड के साथ कोचर दंपती और धूत को आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों से संबंधित आईपीसी की धाराओं के तहत रजिस्टर्ड एफआईआर में आरोपी बनाया था.