पश्चिम बंगाल के संदेशखाली हिंसा मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट मंगलवार को एक्शन में दिखी. मामले पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए कोर्ट ने कुल तीन मामलों में सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं. संदेशखाली में महिलाओं के नेतृत्व में हुये हिंसक विरोध प्रदर्शन और कई दिनों तक चले सियासी संग्राम के बाद बीती 29 फरवरी को तड़के 55 दिन से फरार तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख को पुलिस ने रफ्तार कर लिया था. शेख पर यौन उत्पीड़न एवं जमीन हड़पने का आरोप है.
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (दक्षिण बंगाल) सुप्रतिम सरकार ने कहा था कि शेख को उत्तर 24 परगना जिले के सुंदरवन के बाहरी इलाके में संदेशखाली से लगभग 30 किमी दूर मिनाखान थाना क्षेत्र में एक घर से गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने बताया कि शेख कुछ साथियों के साथ उस घर में छिपा था. उसके अनुसार गिरफ्तारी के बाद उसे बशीरहाट अदालत में पेश किया गया जहां उसे 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.
सफेद कुर्ता-पायजामा पहने शेख सुबह करीब 10 बजकर 40 बजे हवालात से बाहर आया और अदालत कक्ष की ओर गया. उसने वहां इंतजार कर रहे मीडियाकर्मियों की तरफ हाथ हिलाया. मुश्किल से दो मिनट तक चली अदालती सुनवाई के बाद उसे कोलकाता के भवानी भवन ले जाया गया जो पुलिस मुख्यालय है. इस मामले की जांच अब अपराध जांच विभाग (सीआईडी) के हाथ में आ गई है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को संदेशखाली में महिलाओं पर अत्याचार को लेकर पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार पर तीखा हमला बोला था. पीएम ने कहा था कि इस मुद्दे पर पूरा देश गुस्से में है. उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव में लोगों से ममता बनर्जी की पार्टी को हराने का आह्वान किया. मोदी ने संदेशखाली की घटनाओं पर चुप्पी साधने के लिए विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की भी आलोचना की और उनकी निष्क्रियता की तुलना महात्मा गांधी के “तीन बंदरों” से की. तीन बंदर “बुरा मत देखो, बुरा मत बोलो और बुरा मत सुनो” के प्रतीक हैं.
पीएम मोदी ने संदेशखाली में महिलाओं के साथ व्यवहार में धृष्टता और बेशर्मी का आरोप लगाते हुए टीएमसी और उसके नेतृत्व की आलोचना की. उन्होंने हुगली जिले के आरामबाग में एक रैली में कहा, “उपलब्धियों के बीच आज बंगाल की स्थिति पर पूरे देश की नजर है. मां, माटी और मानुष का ढोल पीटने वाली तृणमूल कांग्रेस ने संदेशखालि की बहनों के साथ जो किया, उसे देखकर पूरा देश दुखी और गुस्से में है. संदेशखालि की बहनों के साथ टीएमसी ने जो किया, वह शर्म की बात है.”