जम्मू| जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में 17 रहस्यमय मौतों के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है. इस बीच अधिकारियों ने बुधवार को बुधाल गांव को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है.
राजौरी के जिला मजिस्ट्रेट ने हाल ही में क्षेत्र में स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के बाद बुधाल गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है. बीएनएसएस अधिनियम की धारा 163 के तहत कार्रवाई करते हुए सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने और किसी भी संभावित समस्या के प्रसार को रोकने के लिए सख्त उपाय लागू किए गए हैं.
कंटेनमेंट प्लान के तहत प्रभावित परिवारों के घरों को सील कर दिया गया है. कुशल प्रबंधन के लिए पूरे क्षेत्र को तीन क्षेत्रों में विभाजित किया गया है. सभी सार्वजनिक और निजी समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. स्थानीय लोगों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए, नामित अधिकारियों और कर्मचारियों को कंटेनमेंट जोन के भीतर परिवारों को दिए जाने वाले भोजन की तैयारी और वितरण की निगरानी का काम सौंपा गया है.
प्रशासन ने निवासियों को आश्वस्त किया है कि जैसे-जैसे स्थिति बदलती है, वैसे-वैसे आगे की जानकारी और अपडेट दिए जाएंगे.
राजौरी जिले के कोटरंका उपमंडल के बुधाल गांव में 8 दिसंबर 2024 से अब तक 11 बच्चों समेत कम से कम 17 स्थानीय लोगों की मौत हो चुकी है. आखिरी मौत 17 जनवरी को हुई थी. स्थानीय लोगों का दावा है कि रहस्यमय बीमारी के कारण लोगों की जान चली गई.
देश की विभिन्न प्रमुख प्रयोगशालाओं में विश्लेषण किए गए नमूनों में वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है. हालांकि, मृतकों से लिए गए नमूनों में कुछ विषाक्त पदार्थ पाए गए हैं.
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को गांव का दौरा किया और ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि मौतों के वास्तविक कारणों का जल्द ही पता लगा लिया जाएगा. उन्होंने ग्रामीणों की मौत पर दुख भी जताया था.
स्वास्थ्य विभाग ने बुधाल और आस-पास के गांवों के निवासियों सहित 3,500 स्थानीय लोगों की स्कैनिंग की है. इन परिणामों में भी किसी वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आदेश पर गठित एक अंतर-मंत्रालयी टीम वर्तमान में रहस्यमय बीमारी के सटीक कारण को बताने के लिए गांव में मौजूद है.