बुधवार को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसलों के विरोध में भारत बंद का आह्वान किया गया है. भारत बंद दलित और आदिवासी संगठनों ने बुलाया है. सामाजिक संगठनों ने हाशिये पर पड़े समुदायों के लिए न्याय और मजबूत प्रतिनिधित्व और उनकी सुरक्षा की मांग को लेकर ये बंद बुलाया है. दलित और आदिवासी संगठनों के राष्ट्रीय परिसंघ (NACDAOR) ने आरक्षित वर्गों के न्याय और समानता की मांग की है.
क्या है बंद की वजह?
सुप्रीम कोर्ट ने कुछ ही दिन पहले एक फैसला सुनाया था, जिसमें उन्होंने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के बीच अलग-अलग श्रेणियां बनाने के लिए राज्य सरकारों को मंजूरी दी थी. सर्वोच्च अदालत ने आदेश दिया था कि आरक्षण के लाभ सबसे अधिक फायदा जरुरतंदों को होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है. अदालत के फैसले का दलित और आदिवासियों ने विरोध किया और समुदाय के संवैधानिक अधिकारों का हनन बताया. कोर्ट से इस फैसले को वापस लेने की मांग की जा रही है.
संगठन की यह है मांग
NACDAOR ने सरकार से आग्रह किया है कि वे अदालत के फैसले को खारिज करें. NACDAOR का कहना है कि अदालत का फैसला एससी-एसटी के संवैधानिक अधिकारों को चोट पहुंचा रहा है. संगठन ने सरकारी सेवाओं में कर्मचारियों के जाति-आधारित डाटा को तत्काल जारी करने की मांग की है. उन्होंने समाज के सभी वर्गों से न्यायिक अधिकारियों और न्यायाधीशों की भर्ती के लिए एक अलग भारतीय न्यायिक सेवा के स्थापना की मांग की है. NACDAOR ने दलितों, आदिवासियों और ओबीसी से अपील की है कि वे बुधवार को शांतिपूर्ण आंदोलन में भाग लें. संगठन की मांग है कि एससी के भीतर किसी एक जाति को 100 प्रतिशत कोटा न दिया जाए.
भारत बंद में समर्थन में यह पार्टियां
बसपा, आरजेडी ने इस भारत बंद का समर्थन किया है. इसके अलावा, चिराग पासवान की पार्टी ने भी इस बंद को समर्थन दिया है. हालांकि, जीतन राम मांझी और उनकी पार्टी ने बंद से पल्ला झाड़ लिया है, उन्होंने कहा है कि वे बंद का समर्थन नहीं करते हैं. भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद का समर्थन किया है. कांग्रेस सहित अन्य पार्टियों के नेताओं ने भी इस बंद का समर्थन किया है.
पुलिस-प्रशासन अलर्ट
भारत बंद को लेकर पुलिस-प्रशासन भी अलर्ट मोड पर है. हिंसा सहित अन्य आशंकाओं के चलते पुलिस बल मुस्तैद हैं. पुलिस अधिकारियों ने बंद का आकलन करने के लिए बैठक की. संभाग आयुक्त, जिला मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक में हिस्सा लिया. अधिकारियों ने किसी भी अप्रिय घटनाओं से बचने के लिए अधिक कर्मियों को तैनात करने का निर्देश दिया है.
बंद में यह खुला यह बंद
बंद के दौरान एंबुलेंस, अस्पताल और चिकित्सीय सेवाओं सहित इमरजेंसी सेवाएं खुली रहेंगी. सरकारी दफ्तर, स्कूल, कॉलेज, बैंक और पेट्रोल पंप में सामान्य रूप से काम होगा. बंद के बावजूद, सार्वजनिक परिवहन और रेल सेवाएं जारी रहेंगी. भारत बंद के चलते जयपुर, भरतपुर, दौसा, गंगापुर सिटी और डीग जिले के स्कूलों में छुट्टी दे दी गई है. इसके अलावा, गुुरुग्राम, झुंझनू और सवाईमाधोपुर जिले के स्कूलों में भी छुट्टियां घोषित की गई हैं.
भारत बंद में यह खुला यह बंद, पढ़ें इससे जुड़ी पूरी जानकारी
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