उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने अपने जन्मदिन के अवसर पर पार्टी कार्यकर्ताओं को महत्वपूर्ण संदेश दिया. मॉल एवेन्यू स्थित बसपा मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने अन्य दलों पर हमला बोलते हुए कहा कि उनकी नीति और नीयत साफ नहीं है. प्रेस वार्ता के दौरान उनके साथ पार्टी के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद और अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे.
इस अवसर पर मायावती ने अपनी नई पुस्तक का लोकार्पण किया. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि उनकी सरकार में गरीबों और दलितों के लिए चलाई गई योजनाओं को कई अन्य राज्यों ने अपनाया. उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले कुछ वर्षों से दलित वोट बैंक को तोड़ने के लिए समाजवादी पार्टी (सपा), कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लगातार प्रयास कर रही हैं.
बसपा प्रमुख ने कहा कि सपा, कांग्रेस और भाजपा जैसी पार्टियां जातिवादी मानसिकता से ग्रसित हैं. उन्होंने आरक्षण को कमजोर करने के लिए इन दलों को जिम्मेदार ठहराया. मायावती ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सरकारों ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर समेत अन्य दलित चिंतकों की उपेक्षा की है. उन्होंने भाजपा पर भी तीखा हमला करते हुए कहा कि इस पार्टी के एक वरिष्ठ मंत्री द्वारा बाबा साहेब का अपमान किया गया, जिसका आज तक कोई पश्चाताप नहीं किया गया.
मायावती ने सत्ता में रहने वाली पार्टियों की कथनी और करनी पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि गरीबों और दलितों के उत्थान के लिए इन दलों की वास्तविक मंशा कभी स्पष्ट नहीं रही. उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे इन दलों की चालों से सावधान रहें और पार्टी की मजबूती के लिए एकजुट होकर काम करें. बसपा प्रमुख का यह बयान राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है. उन्होंने अपने जन्मदिन के मौके पर भी राजनीतिक संदेश देने का मौका नहीं छोड़ा, जिससे आगामी चुनावों के मद्देनजर बसपा के कड़े तेवर साफ नजर आ रहे हैं.