जम्मू-कश्मीर के डीजी (जेल) हेमंत लोहिया की उनके घर पर हत्या कर दी गई. उनकी गल रेतकर हत्या की गई. वह घर में लहूलुहान हालत में पाए गए थे . इतना ही नहीं उनके शरीर पर भी चोट के निशान मिले हैं. इस घटना के बाद से सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया है.
आतंकी संगठन टीआरफ ने एचके लोहिया की हत्या की जिम्मेदारी ली है. डीजी जेल हेमंत लोहिया की हत्या के बाद से उनका नौकर फरार है. नौकर का नाम यासिर बताया जा रहा है जो कि जम्मू के ही रामबन का रहने वाला है. जम्मू क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मुकेश सिंह के जारी बयान के मुताबिक पुलिस नौकर की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है.
वहीं इस हत्या को इससे जोड़कर भी देखा जा रहा है कि घटना को ऐसे वक्त पर अंजाम दिया गया है कि जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू कश्मीर के दौरे पर हैं. आतंकी संगठन टीआरएफ ने सोशल मीडिया के जरिए जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि उसने ही एचके लोहिया की हत्या को अंजाम दिया है.
दरअसल टीआरएफ का कनेक्शन पीपुल्स एंटी फासिस्ट फोर्स से है और यह उसका ही नया आतंकी संगठन बताया जाता है. बीते कुछ समय में जम्मू-कश्मीर में हुई गैर स्थानीयों की हत्याओं के पीछे भी टीआरएफ का ही हाथ बताया जाता है.
डीजीपी दिलबाग सिंह ने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि नौकर को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू किया गया है. वह फरार है. दिलबाग सिंह ने बताया कि आरोपी ने हेमंत के लोहिया के शव को जलाने की कोशिश की.
लोहिया को अगस्त में ही जम्मू कश्मीर में महानिदेशक जेल के प्रमोट किया गया था. जम्मू के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, मुकेश सिंह ने लोहिया के घर का दौरा किया. उन्होंने बताया कि लोहिया के शरीर पर जलने के निशान और उनका गला कटा हुआ पाया गया.
लोहिया 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी थे. लोहिया काफी लंबे समय तक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहे लेकिन फरवरी 2022 में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के पद पर जम्मू-कश्मीर लौट आए थे. वे होमगार्ड्स/नागरिक रक्षा/राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) में कमांडेंट जनरल के रूप में तैनात थे. वे अगस्त 2022 में प्रमोट करके डीजी जेल के पद पर तैनात किए गए थे.