चंडीगढ़| मंगलवार शाम हरियाणा की एकमात्र लोकसभा सीट के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया. पार्टी की तरफ से जारी उम्मीदवारों की सूची में हरियाणा से किरण चौधरी को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया गया. किरण कल ही अपना नामांकन दाखिल करेंगी. चार बार की कांग्रेस विधायक रही किरण चौधरी ने मंगलवार को ही विधानसभा से इस्तीफा दिया था. उन्होंने जून में बेटी श्रुति चौधरी के साथ भाजपा का दामन थामा था.
दरअसल, लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने राज्यसभा सीट खाली कर दी थी. माना जा रहा था कि भाजपा राज्यसभा सीट के लिए किरण चौधरी के नाम की घोषणा कर सकती है और ऐसा ही हुआ. 2019 में भिवानी के तोशाम से कांग्रेस की विधायक चुनी गईं किरण चौधरी हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की बहू हैं.
राज्यसभा उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त है. वहीं, कांग्रेस ने यहां अपना उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है. 90 सदस्यीय सदन में कांग्रेस को बहुमत नहीं है. राज्यसभा सीट जीतने के लिए उम्मीदवार को 44 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता होगी.
किरण के पार्टी छोड़ने के बाद कांग्रेस के पास 28 विधायक रह गए हैं. तीन निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस को अपना समर्थन दिया है, जिससे कांग्रेस के विधायकों की संख्या 31 हो गई है.
भाजपा के पास 41 विधायक हैं. हरियाणा लोकहित पार्टी के विधायक गोपाल कांडा और निर्दलीय नयन पाल रावत के समर्थन से उनके विधायकों की संख्या 43 हो गई.
जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के विधायक राम निवास सुरजाखेड़ा और जोगी राम सिहाग ने लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवारों का समर्थन किया था. अगर वे भाजपा के राज्यसभा उम्मीदवार को भी समर्थन देते हैं, तो पार्टी की संख्या 45 हो जाएगी.
कांग्रेस ने किरण को अयोग्य ठहराने के लिए स्पीकर गुप्ता को याचिका दी है. जबकि जेजेपी ने भी सुरजाखेड़ा और सिहाग को अयोग्य ठहराने की मांग की है. दोनों मामले अभी भी लंबित हैं.