हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 की तस्वीर साफ हो गई. हरियाणा में बीजेपी ने इतिहास रच दिया है. पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए हैट्रिक लगाई है. वहीं आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में हुए चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन ने जीत दर्ज की है. आइए इन दोनों राज्यों के फाइनल नतीजों, किसे कहां मिलीं कितनी सीटें और पार्टियों के लिए क्या पॉजिटिव रहा और क्या नेगेटिव रहा.
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 रिजल्ट-:
बीजेपी को पूर्ण बहूमत
चुनाव आयोग की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, हरियाणा में बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिला है. बहुमत के आंकड़े 46 से पार्टी को 2 सीटें ज्यादा मिली हैं. बीजेपी का वोट शेयर 48 फीसदी रहा है. 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी का वोट शेयर 40 फीसदी रहा था. तब पार्टी ने दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के समर्थन से सरकार बनाई थी. वहीं, सीपीएम के साथ मिलकर चुनाव लड़ी कांग्रेस के खाते में 37 सीटें आई हैं.
जेजेपी का क्लीन स्वीप
इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) ने बहुजन समाज पार्टी (BSP) के समर्थन में चुनाव लड़ा था. INLD को इस गठबंधन का फायदा हुआ है, 2019 के मुकाबले पार्टी की एक सीट में इजाफा हुआ है. इंडियन नेशनल लोक दल ने दो सीटों पर जीत दर्ज की है. इस चुनाव में करारा झटका जेजेपी को लगा है, 2019 में सत्ता में रही जेजेपी इस बार अपना खाता भी नहीं खोल पाई है. जेजेपी ने ये चुनाव आजाद समाज पार्टी (ASP) के साथ गठबंधन में लड़ा था. वहीं अन्य के खाते में तीन सीटें आई हैं.
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024-:
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 में एक बार फिर अब्दुल्ला परिवार का मैजिक चला है. फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने ये चुनाव कांग्रेस, सीपीएम और JKNPP(I) दलों के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था. अब चुनाव नतीजे सामने आई हैं उनमें NC+ अलायंस की धमाकेदार जीत हुई है. इस खुशी में नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ‘लोगों ने अपना जनादेश दिया है, उन्होंने साबित कर दिया है कि वे 5 अगस्त को लिए गए फैसले को स्वीकार नहीं करते हैं. उमर अब्दुल्ला मुख्यमंत्री होंगे.’
NC+ गठबंधन को 49 सीटें-:
चुनाव आयोग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के अलायंस ने बहुमत हासिल किया था. NC+ गठबंधन के खाते में 49 सीटें आई हैं और वोटिंग पर्सेंटेज 38 फीसदी रहा है. वहीं इस गठबंधन में शामिल कांग्रेस को 6 सीटें मिली हैं जबकि सीपीएस को एक सीट और जेकेएनपीपी (आई) का खाता भी नहीं खुल पाया है. इस चुनाव में महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी को करारा झटका लगा है, एक समय था जब पीडीपी जम्मू-कश्मीर की सत्ता पर काबिज थी. यह उसके कमजोर होने का संकेत है.
बीजेपी ने जीतीं 29 सीटें-:
जम्मू-कश्मीर में बीजेपी का भी प्रदर्शन अच्छा रहा है. उसके खाते में 29 सीटें आई हैं. बीजेपी को जम्मू-कश्मीर में मिलने वोट का शेयर 25.64 फीसदी रहा है. वहीं, इंजीनियर रशीद की पार्टी अवामी इत्तेहाद पार्टी (AIP) को लेकर कहा जा रहा था कि वो विधानसभा चुनाव किंगमेकर बनकर उभर सकती है, लेकिन ऐसे सभी कयास ध्वस्त हो गए हैं. AIP को सिर्फ एक सीट से ही संतोष करना पड़ा है. AIP ने ये चुनाव JAMAAT के साथ मिलकर लड़ा था. JAMAAT अपना खाता भी नहीं खोल पाई है.
क्या रहा पॉजिटिव और क्या रहा नेगेटिव
हरियाणा में बीजेपी के लिए गैर जाट को एकजुट करने की रणनीति उसके लिए पॉजिटिव रही है, वहीं कांग्रेस के लिए जाट वोटरों पर अधिक भरोसा और दलितों को नजरअंदाज करना उसके लिए नेगेटिव रहा है.
वहीं, जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की बहाली और जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा जैसे मुद्दे कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस अलायंस के लिए पॉजिटिव रहे. हालांकि आर्टिकल 370 पर कांग्रेस का रूख नेशनल कॉन्फ्रेंस से जुदा रहा था.
जैसा कि अनुमान जताए जा रहे थे कि जम्मू में बीजेपी अच्छा करेगी, वो इस चुनाव में हुआ भी है, लेकिन कश्मीर घाटी में बीजेपी को अपनी पैठ बनाने के लिए अभी और मेहनत करनी पड़ेगी. उसके लिए यही नेगेटिव बात के रूप में देखी जा सकती है.