दिल्ली सर्विस बिल को लोकसभा में पेश कर दिया गया है. कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि दिल्ली सर्विस बिल विधायक संविधान के खिलाफ है. केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदलने की कोशिश कर रही है. लोकसभा में विपक्ष ने दिल्ली सर्विस बिल का विरोध किया. इसका जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट का मुद्दा उठाया गया. सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है संसद दिल्ली राज्य के लिए कोई भी कानून बना सकती है. इसलिए इस बिल को संसद के सामने पेश करने की अनुमति दी जाए.
लोकसभा में विपक्ष ने दिल्ली सर्विस बिल का विरोध किया. इसका जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट का मुद्दा उठाया गया. सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है संसद दिल्ली राज्य के लिए कोई भी कानून बना सकती है. इसलिए इस बिल को संसद के सामने पेश करने की अनुमति दी जाए. इसी बीच विपक्ष मणिपुर पर नारेबाजी करता रहा. लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने विधेयक को सदन के पटल पर पेश करने की अनुमति दे दी.
असदुद्दीन ओवैसी ने दिल्ली सर्विस बिल पर कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट के 4 जुलाई 2018 के जजमेंट के खिलाफ है. मैं इस बिल का विरोध करता हूं. आप डिवीजन कराइए. हमारे अपोजिशन लीडर ने बगैर प्रधानमंत्री के हाउस चलने दिया. चेस और लूडो का खेल चल रहा है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में जीएनसीटी (संशोधन) विधेयक 2023 पर बोलते हुए कहा कि ‘संविधान ने सदन को दिल्ली राज्य के संबंध में कोई भी कानून पारित करने की शक्ति दी है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने स्पष्ट कर दिया है कि संसद दिल्ली राज्य के संबंध में कोई भी कानून ला सकती है. सभी आपत्तियां राजनीतिक हैं. कृपया मुझे यह विधेयक लाने की अनुमति दें.’