बिहार की राजधानी पटना में सोमवार को बेरोजगारी को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान लाठीचार्ज पर बीजेपी ने राज्य की जेडीयू-आरजेडी सरकार पर हमला किया है. सोशल मीडिया में वायरल वीडियो में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस लाठीचार्ज करती साफ नजर आ रही है. वहीं इस बीच बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का वादा किया है.
पटना में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करने के साथ भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया था. एक वीडियो क्लिप में एक अधिकारी एक प्रदर्शनकारी पर लाठियों से वार करता दिखाई दे रहा है, जो दर्द से कराहते हुए तिरंगा पकड़े हुए जमीन पर लेटा हुआ है.
वहीं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने आश्वासन दिया कि जांच समिति का गठन किया गया है और उसके बाद एक कार्रवाई भी शुरू की जाएगी. तेजस्वी यादव ने कहा कि पटना में विरोध मार्च निकालने वाले छात्रों को कंट्रोल करने के लिए लाठीचार्ज किया गया, जिसमें एडीएम एक एसटीईटी उम्मीदवार की पिटाई कर रहे थे. जांच समिति बनी है, दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
साथ ही तेजस्वी यादव ने एसटीईटी उम्मीदवारों से अपील करते हुए कहा कि वह धैर्य रखें. हम काम कर रहे हैं. हमारी रोजगार और नौकरी को लेकर ही लड़ाई रही है. हमने 15 अगस्त को ऐलान किया है कि 10 लाख नौकरी देंगे और उसके अलावा भी रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे और 20 लाख को रोजगार मिलेगा.
पटना के जिला मजिस्ट्रेट चंद्रशेखर सिंह के अनुसार डाक बंगला क्रॉसिंग पर परेशानी हुई, जहां दो अलग-अलग समूह, जिनमें से एक समूह में शिक्षक पात्रता परीक्षा योग्य उम्मीदवार और दूसरे समूह में जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ता शामिल थे और दोनों राजभवन की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे थे. डीएम ने कहा कि प्रशासन ने आरोपों की जांच और वीडियो फुटेज की जांच के लिए दो सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है. उन्होंने कहा कि प्रदर्शन में भाग लेने वालों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाएगा. डाक बंगला क्रॉसिंग पर किसी भी जुलूस की अनुमति नहीं है और इसलिए प्रदर्शनकारियों पर संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाएगा.