कोरोना महामारी से मुकाबला करने के लिए आज एक और नई खुराक को मंजूरी मिल गई है. भारत को कोरोना के खिलाफ पहली “नेजल वैक्सीन” मिल गई है. भारत बायोटेक को इंट्रानैसल कोविड-19 वैक्सीन के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति मिल गई है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी है. वैक्सीन के आखिरी फेज के ट्रायल पिछले महीने ही खत्म हुए हैं. प्राइमरी डोज के अलावा इसे फुली वैक्सीनेटेड लोगों को बूस्टर डोज की तरह दिया जा सकता है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने ये जानकारी दी. ये कोरोना के लिए भारत का पहला नाक का टीका होगा. मनसुख मंडाविया ने कहा कि नियामक ने 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों के प्राथमिक टीकाकरण के लिए आपातकालीन स्थितियों में प्रतिबंधित उपयोग के लिए टीके को मंजूरी दी है.
वैक्सीन की खुराक नाक के माध्यम से दी जाती है, न कि मौखिक रूप से या हाथ के माध्यम से. वैक्सीन को या तो एक विशिष्ट नाक स्प्रे के जरिए या एरोसोल डिलीवरी के माध्यम से इंजेक्ट किया जाता है. भारत बायोटेक का दावा है कि ट्रायल में ये वैक्सीन कोरोना के खिलाफ असरदार साबित हुई है.
कंपनी के मुताबिक, इस वैक्सीन से लोगों के अपर रेस्पिरेटरी सिस्टम में कोरोना के खिलाफ जबरदस्त इम्युनिटी बनी है, जिससे संक्रमण होने और फैलने का खतरा काफी कम है. इस वैक्सीन के पहले फेज के ट्रायल भी ठीक रहे थे.
इसमें 18 से 60 साल के लोगों को शामिल किया गया था. नेजल वैक्सीन वॉलेंटियर पर असरदार साबित हुई और कोई गंभीर साइड इफेक्ट्स नहीं हुआ. दूसरे फेज के ट्रायल के नतीजे भी सकारात्मक रहे थे.