प्रधानमंत्री मंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के रामेश्वरम में स्टालिन सरकार पर भाषा विवाद को लेकर निशाना साधा. उन्होंने स्टालिन सरकार से पूछा कि तमिल पर गौरव करने वाले नेता अंग्रेजी का इस्तेमाल क्यों करते हैं. दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी रविवार को रामेश्वरम पहुंचे थे. यहां उन्होंने पंबन रेल ब्रिज का उद्घाटन किया. इसके बाद उन्होंने रैली को संबोधित किया. संबोधन के दौरान, पीएम मोदी ने स्टालिन सरकार के दोहरे रवैये पर सवाल किए.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रदेश के मंत्री तमिल भाषा पर गर्व की बात करते रहते हैं. लेकिन ये जब भी मुझे पत्र लिखते हैं तो उनकी लेखनी और हस्ताक्षर अंग्रेजी में ही होते हैं. प्रधानमंत्री ने सवाल किए कि वे तमिल भाषा का इस्तेमाल क्यों नहीं करते हैं. अंग्रेजी का इस्तेमाल करते वक्त उनका गर्व कहां चला जाता है.
प्रधानमंत्री मोदी ने तमिलनाडु में कहा कि प्रदेश में 1400 से अधिक जन औषधि केंद्र हैं. 80 फीसदी दवाइयां यहां डिस्काउंट पर मिलती हैं. तमिलनाडु के लोगों का इससे सात हजार करोड़ रुपये बचा है. पीएम मोदी ने कहा कि देश के नौजवानों को डॉक्टर बनने के लिए अब विदेश नहीं जाना पड़ेगा. पिछले साल तमिलनाडु को 11 मेडिकल कॉलेज मिले हैं. अब गरीब के बच्चे भी डॉक्टर बन सकते हैं. मैं तमिलनाडु की सरकार से कहना चाहता हूं कि वे तमिल भाषा में मेडकिल कोर्स को जारी रखें, जिससे अंग्रेजी न जानने वाले गरीब परिवार के बच्चे भी डॉक्टर बन सकें.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि मेरा मानना है कि तमिलनाडु की क्षमता का एहसास होने पर देश का समग्र विकास बेहतर होगा. साल 2014 से पहले रेल प्रोजेक्ट के लिए हर साल सिर्फ 900 करोड़ रुपये का फंड मिलता था और इस बार तमिलनाडु का रेल बजट 6000 करोड़ रुपये से अधिक है. भारत सरकार यहां के 77 रेलवे स्टेशनों को मॉर्डन बना रही है. रामेश्वरम का रेलवे स्टेशन भी मॉर्डन बनाया जा रहा है.