दिल्ली के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 के पार पहुंच गया है, जो “बहुत खराब” श्रेणी में आता है। इस स्तर पर हवा में प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन जाता है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों के लिए। बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है, और उन्हें घर के अंदर रहने की सलाह दी गई है। प्रदूषण के कारणों में सर्दियों की शुरुआत, वाहनों से निकलने वाला धुआं और पराली जलाने जैसी समस्याएं प्रमुख हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार आईटीओ, भीकाजी कामा प्लेस और आनंद विहार क्षेत्र में धुंध का स्तर ‘बहुत खराब’ और ‘खराब’ श्रेणी में देखा गया. पीडब्ल्यूडी के वाहन ने राष्ट्रीय राजधानी के प्रदूषित भागों में पानी का छिड़काव किया है. यमुना नदी भी दूषित होती जा रही है. कालिंदी कुंज में यमुना नदी के पानी के ऊपर झाग दिखाई दे रहा है. यहां पर हवा काफी खराब श्रेणी में है.
आनंद विहार के इलाके में कोहरे की घनी चादर देखी जा रही है. यहां पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) गिरकर 334 पर पहुंच गया है. इसे ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रखा गया है. इसके अलावा, अक्षरधाम क्षेत्र में 334, भीकाजी कामा प्लेस में धुंध की एक पतली परत भी छाई हुई है. यहां पर वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 273 पर पहुंच गया है. इसी तरह आईटीओ का एक्यूआई गिरकर 226 पर पहुंच चुका है. इसके अलावा इंडिया गेट का AQI 251 दर्ज किया गया है.
मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में मौसम में प्रदूषण और बढ़ेगा. रविवार तक प्रदूषण का स्तर ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच सकता है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, हवा मध्यम गति के होने के कारण प्रदूषण का स्तर बढ़ने के आसार बने हुए हैं.