इंफाल| मणिपुर के वायरल वीडियो मामले में गिरफ्तार 4 आरोपियों को 11 दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा गया है. मणिपुर पुलिस ने कोर्ट में पकड़े गए आरोपियों को रिमांड पर देने की मांग की थी. इसके बाद चारों आरोपियों को 11 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.
पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर पूरी घटना से जुड़े तथ्यों और सबूतों को एकत्रित करेगी. वहीं, इस घटना के बाद मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने कहा कि उपद्रवियों ने मई में आदिवासी महिलाओं पर हमला कर उन्हें निर्वस्त्र किया, उन्होंने राज्य की ‘छवि को धूमिल’ किया है.
महिलाओं के साथ की गई अमानवीयता के वायरल वीडियो मामले में पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि हिंसा प्रभावित राज्य में दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने के वायरल वीडियो के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए सभी चार आरोपियों को 11 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. 26 सेकंड के वीडियो में दिख रही घटना मणिपुर के एक गांव में 4 मई को हुई थी, जिसके एक दिन बाद मेइती द्वारा एसटी दर्जे की मांग के खिलाफ राज्य में हिंसा भड़क गई थी.
पूर्वोत्तर राज्य में इंटरनेट पर प्रतिबंध हटाए जाने के बाद 19 जुलाई को यह वीडियो ऑनलाइन सामने आया था, जिससे देशभर में आक्रोश फैल गया था. घटना के सिलसिले में गुरुवार को चार लोगों को गिरफ्तार किया गया. मणिपुर में तीन मई को जातीय हिंसा भड़कने के बाद से अब तक 160 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और कई अन्य घायल हुए हैं.
मणिपुर हिंसा के बीच महिला के वीडियो पर मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने शुक्रवार को कहा कि राज्य के लोग महिलाओं का सम्मान करते हैं और उन्हें ‘माता के समान’ मानते हैं, लेकिन जिन उपद्रवियों ने मई में आदिवासी महिलाओं पर हमला कर उन्हें निर्वस्त्र किया, उन्होंने राज्य की ‘छवि को धूमिल’ किया है.
सीएम बिरेन सिंह ने कहा, ‘‘मणिपुर के लोग महिलाओं को माता के समान मानते हैं, लेकिन कुछ बदमाशों ने यह हरकत की तथा हमारी छवि को धूमिल किया. हमने इस घटना की निंदा करने के लिए राज्यभर में घाटी एवं पहाड़ी दोनों ही क्षेत्रों में प्रदर्शन शुरू किए हैं.’’ उन्होंने कहा कि लोग मांग कर रहे हैं कि अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए.
मुख्यमंत्री ने इस घटना के सामने आने के बाद बृहस्पतिवार को कहा था कि वह सुनिश्चित करेंगे कि सभी गुनाहगारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो, यहां तक कि सरकार मृत्युदंड की संभावना पर भी विचार कर रही है.