दिवाली के ठीक एक दिन बाद दिल्ली और एनसीआर में एक्यूआई 300 के पार था. हालांकि यह नंबर बीते सालों से कम था. लोगों पर स्मॉग का असर कम था. मौसम विभाग के मुताबिक थोड़े दिन की राहत चक्रवात सितरंग से संभव हुआ.
लेकिन अब तस्वीर राहत नहीं आफत वाली है. इस समय लोग आंखों में जलन , खांसी, जुकाम की शिकायत के साथ डॉक्टरों के पास जा रहे हैं और सामान्य तौर पर डॉक्टर प्रदूषण को कसूरवार ठहरा रहे हैं. अगर शनिवार की बात करें तोदिल्ली में एक्यूआई 355, विश्वविद्यालय इलाके में 355, मथुरा रोड पर 340 और नोएडा में 392 है.
दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में गिरावट के बीच इंडिया गेट के पास मॉर्निंग वॉकर, साइकिल चालक और जॉगर्स वर्कआउट करने के लिए मजबूर हैं. साइकिल चालकों का एक समूह कहता है. हम गुरुग्राम से हैं. सांस लेने में कठिनाई और आंखों में जलन हो रही है. फिटनेस के प्रति उत्साही सुरेंद्र कहते हैं, “सरकार को देखना चाहिए कि आगे यहां से कहां जाना है.
अब दिल्ली में प्रदूषण की वजह से किस तरह की परेशानी हो रही है उस सिलसिले में एक इक्का गाड़ी चलाने वाले सुखदेव कहते हैं कि दो पैसे की मजबूरी से घर के बाहर निकलना जरूरी है. लेकिन उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
आंखों में जलन, बेचैनी सी हो रही है. उन्हें वैसे किसी तरह की स्वास्थ्य की दिक्कत पहले से नहीं है. लेकिन बीते एक दो दिन से वो इस तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं. यह परेशानी सिर्फ सुखदेव की नहीं है. बल्कि नोएडा की रहने वाली विमला की भी है.