18 साल होते ही मतदाता सूची में अपने आप जुड़ जाएगा नाम… जानिए क्या है अमित शाह का प्लान

सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा सरकार जन्म और मृत्यु से जुड़े आंकड़ों को मतदाता सूची और समग्र विकास प्रक्रिया से जोड़ने के लिए संसद में एक विधेयक लाने की योजना बना रही है.

भारत के महापंजीयक और जनगणना आयुक्त के कार्यालय ‘जनगणना भवन’ का उद्घाटन करते हुए शाह ने कहा कि जनगणना एक ऐसी प्रक्रिया है जो विकास के एजेंडे का आधार बन सकती है.

उन्होंने कहा कि डिजिटल, पूर्ण और सटीक जनगणना के आंकड़ों के बहुआयामी लाभ होंगे. उन्होंने कहा कि जनगणना के आंकड़ों पर आधारित योजना से यह सुनिश्चित होता है कि विकास गरीब से गरीब व्यक्ति तक पहुंचे. शाह ने यह भी कहा कि यदि जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र के आंकड़ों को विशेष तरीके से संरक्षित किया जाए तो विकास कार्यों की समुचित योजना बनाई जा सकती है.

उन्होंने कहा, ‘मृत्यु और जन्म रजिस्टर को मतदाता सूची से जोड़ने के लिए एक विधेयक संसद में पेश किया जाएगा. इस प्रक्रिया के तहत, जब कोई व्यक्ति 18 वर्ष का होगा, तो उसका नाम स्वत: मतदाता सूची में शामिल हो जाएगा. इसी तरह, जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होगी, तो वह जानकारी स्वत: ही निर्वाचन आयोग के पास जाएगी, जो मतदाता सूची से नाम हटाने की प्रक्रिया शुरू करेगा.’

अधिकारियों ने कहा कि जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अधिनियम (आरबीडी), 1969 में संशोधन विधेयक से ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट जारी करने और लोगों को सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने से संबंधित मामलों आदि में भी सुविधा होगी.

शाह ने कहा, ‘यदि जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के आंकड़ों को विशेष तरीके से संरक्षित किया जाए तो जनगणना के बीच के समय का अनुमान लगाकर विकास कार्यों की योजना सही ढंग से की जा सकती है.’ उन्होंने कहा कि पहले विकास की प्रक्रिया टुकड़ों में पूरी होती थी क्योंकि विकास के लिए पर्याप्त आंकड़े उपलब्ध नहीं थे.

शाह ने कहा कि आजादी के 70 साल बाद हर गांव में बिजली पहुंचाने, सबको घर देने, सबको नल से पीने का पानी देने, सबको स्वास्थ्य सेवा देने, हर घर में शौचालय बनाने की योजना अपनाई गई. उन्होंने कहा, ‘इतना समय इसलिए लगा क्योंकि किसी को भी अंदाजा नहीं था कि इन मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कितने पैसे की आवश्यकता होगी, क्योंकि जनगणना की उपयोगिता की कल्पना नहीं की गई थी, जनगणना से संबंधित आंकड़े सटीक नहीं थे, उपलब्ध आंकड़ों तक ऑनलाइन पहुंच नहीं थी और जनगणना और योजना अधिकारियों के साथ समन्वय नहीं था.’

उन्होंने कहा, ‘मैं पिछले 28 वर्षों से विकास प्रक्रिया से जुड़ा हूं और देखा है कि हमारे देश में विकास मांग आधारित रहा है. जिन जनप्रतिनिधियों का बोलबाला था, वे अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए विकास का अधिक लाभ उठा सकते थे. यह उन कारणों में से एक है कि हमारा विकास क्यों टुकड़ों में हुआ और दोहराव के चलते अधिक महंगा हुआ.’

नए जनणना भवन के साथ ही मंत्री ने जन्म और मृत्यु के पंजीकरण के लिए एक वेब पोर्टल का भी उद्घाटन किया. जनगणना रिपोर्ट का एक संग्रह, जनगणना रिपोर्ट का एक ऑनलाइन बिक्री पोर्टल और जियोफेंसिंग सुविधा से लैस एसआरएस मोबाइल ऐप का उन्नत संस्करण की भी शुरुआत की गई.

शाह ने कहा कि जियोफेंसिंग से लैस मोबाइल ऐप यह सुनिश्चित करेगा कि अधिकारियों को पता चले कि गणनाकर्ता उन्हें सौंपे गए खंड में जाकर डेटा दर्ज करते हैं और कोई भी खंड का दौरा किए बिना फर्जी प्रविष्टियां नहीं कर सकता. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करेगा कि दर्ज किए गए डेटा सटीक हैं.

उन्होंने कहा, ‘जनगणना एक ऐसी प्रक्रिया है जो किसी देश की विकास प्रक्रिया को रेखांकित करती है. इसलिए जियोफेंसिंग सुविधा से लैस एसआरएस मोबाइल ऐप के उन्नत संस्करण जैसी तकनीकों का उपयोग करके इसे विश्वसनीय और दोषरहित बनाना बहुत आवश्यक है.’ उन्होंने कहा कि अगली जनगणना में गणना इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में की जाएगी, जिसमें स्व-गणना की भी अनुमति होगी.

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