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दिल्ली चुनाव हारने के बाद केजरीवाल की नजर पंजाब पर, लुधियाना की खाली सीट से लड़ सकते हैं चुनाव

दिल्ली चुनाव के नतीजों ने आप का बोरा-बिस्तरा बंद कर दिया हैं. दिल्ली की सत्ता में 27 साल बाद भाजपा की वापसी हो गई. हार के बाद आम आदमी पार्टी की नजर अब पंजाब की तरफ है. पंजाब एक मात्र राज्य, जहां आम आदमी पार्टी मजबूत है और सरकार में है. दिल्ली हारते ही अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के मुख्यमंत्री और आप विधायकों की एक बैठक बुलाई है. यह बैठक आज यानी मंगलवार को दिल्ली में है. इस बैठक को लेकर कयासों का बाजार गर्म है. दावे किए जा रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल पंजाब में मुख्यमंत्री बन सकते हैं.

भाजपा और कांग्रेस दोनों इन दावों को हवा दे रहे हैं. उनकी मानें तो अरविंद केजरीवला मौजूदा सीएम भगवंत मान को हटाकर खुद सीएम की कुर्सी पर बैठ सकते हैं. हालांकि, इन दावों में कितनी सच्चाई है, यह आने वाले वक्त में पता चलेगा. फिलहाल तो आम आदमी पार्टी की बैठक से दिल्ली से लेकर पंजाब तक हलचल बढ़ गई है. सियासी गलियारों में तरह-तरह की बातें हो रही हैं. क्या पंजाब के रास्ते अरविंद केजरीवाल फिर सीएम की कुर्सी पर बैठेंगे, क्या दिल्ली की ओर कूच का अरविंद केजरीवाल ने पंजाब प्लान ढूंढ लिया है?

दरअसल, अरविंद केजरीवाल पंजाब के मुख्यमंत्री बनेंगे या नहीं, इस पर से आज सस्पेंस खत्म हो सकता है. अरविंद केजरीवाल पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और पंजाब के आप विधायकों के साथ एक अहम बैठक बुलाई है. बताया तो यह जा रहा है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों पर चर्चा करने के लिए अरविंद केजरीवाल ने यह बैठक बुलाई है. मगर सूत्रों का कहना है कि इस बैठक से आम आदमी पार्टी की आगे की रणनीति बनेगी. इस बैठक को लेकर दावे तो यह भी किए जा रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल खुद पंजाब के सीएम बन सकते हैं. अब सवाल है कि आखिर इन दावों में दम क्यों दिख रहा है. तो इसकी एक वजह है पंजाब की वह सीट जो अब भी खाली है.

आम आदमी पार्टी ने 2022 में पंजाब विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी. 117 में से 92 सीट जीतकर सरकार बनाई. मगर जैसे ही दिल्ली में आप की हार हुई, पंजाब में खलबली मच गई. कहा तो यह बी जा रहा है कि पंजाब की आप यूनिट में ही खलबली है. आंतरिक एकजुटता ही अब सवालों के घेरे में है. कुछ लोगों का मानना है दिल्ली में पार्टी के नेतृत्व का पंजाब की सरकार पर प्रभाव बना हुआ है. ऐसी भी अटकलें हैं कि अरविंद केजरीवाल अब पंजाब की राजनीति में अधिक प्रत्यक्ष भूमिका पर विचार कर सकते हैं. लुधियाना की विधानसभा सीट फिलहाल खाली है. इसलिए राजनीतिक जानकार अरविंद केजरीवाल के वहां से चुनाव लड़ने और सरकार का हिस्सा बनने की संभावना पर भी चर्चा कर रहे हैं.

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