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जम्मू-कश्मीर में हिजबुल्ला प्रमुख हसन नसरल्लाह के खात्मे के विरोध में प्रदर्शन, चीफ महबूबा मुफ्ती ने बताया शहीद

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शुक्रवार रात हुई इजरायली एयरस्ट्राइक में ईरान समर्थित चरमपंथी संगठन हिजबुल्ला का प्रमुख हसन नसरल्लाह (64)ढेर हो गया. अमेरिका ने इसे न्यायपूर्ण कदम बताया है.दूसरी ओर, ईरानी सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामनेई ने दुनियाभर के मुसलमानों से अपील की है कि वे हिजबुल्लाह का समर्थन करें. इसबीच, परेशान करने वाली खबर जम्मू-कश्मीर से आई. जहां शनिवार को नसरल्लाह के खात्मे के विरोध में प्रदर्शन हुए और लोगों ने बड़े पैमाने पर रैली निकाली.

कश्मीर के बडगाम में आयोजित इस विरोध मार्च में बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे. वे अपने हाथों में नसरल्लाह की तस्वीरें लेकर सड़कों पर उतरे. इसी तरह के प्रदर्शन श्रीनगर के पुराने शहर समेत राज्य के अन्य हिस्सों में भी देखे गए.

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) चीफ महबूबा मुफ्ती ने नसरल्लाह को मारने के विरोध में रविवार को अपनी चुनावी रैली रद्द करने का ऐलान किया. उन्होंने कहा- “हम लेबनान और गाज़ा के शहीदों के साथ खड़े हैं, खासकर हसन नसरल्लाह के साथ. यह उनके प्रति हमारी एकजुटता का प्रदर्शन है.”

महबूबा मुफ्ती ने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिख- “कल की चुनावी रैली रद्द कर रही हूं, लेबनान और गाज़ा के शहीदों, खासकर हसन नसरल्लाह के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए. हम इस दुखद समय में फिलिस्तीन और लेबनान के लोगों के साथ खड़े हैं.”

ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने भी नसरल्लाह को श्रद्धांजलि दी और उनकी मौत को “मुस्लिम दुनिया के लिए एक बड़ी क्षति” बताया. उन्होंने भारत के शिया समुदाय से तीन दिन का शोक मनाने और अपने घरों पर काले झंडे फहराने की अपील की. मौलाना अब्बास ने संयुक्त राष्ट्र से इस हिंसा को रोकने के लिए हस्तक्षेप की भी मांग की, ताकि फिलिस्तीन और लेबनान के लोगों पर हो रहे हमले रुक सकें.

बता दें कि शुक्रवार को बेरूत के दक्षिणी उपनगर में हिजबुल्लाह मुख्यालय पर इज़रायली सेना ने हवाई हमले किए थे, जिसमें अंडरग्राउंड बंकर में मौजूद 64 वर्षीय हसन नसरल्लाह मारा गया. हिजबुल्लाह और इज़रायली सैन्य बलों ने नसरल्लाह की मौत की पुष्टि की है, इसे हिज़बुल्लाह के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. कुछ रिपोर्ट्स में यह भी दावा है कि इजरायली कार्रवाई में ईरानी रेवोल्यूशनरी गार्ड्स के सीनियर अफसर अब्बास निलफोरूशन, हिज़बुल्ला के साउदर्न फ्रंट के कमांडर अली करकी और नसरल्लाह की बेटी भी मारी गई.

लेबनान में इज़रायली सेना की हालिया कार्रवाई में करीब 1000 लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हो गए. यह हमले हिज़बुल्लाह की ओर से इजरायल पर हुए रॉकेट हमलों के जवाब में किए गए, जो अक्टूबर 2023 में हमास द्वारा इज़रायल पर हुए हमलों के बाद से जारी हैं.

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