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पहलवानों के खिलाफ दिल्ली पुलिस का बड़ा एक्शन! बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक समेत कई के खिलाफ केस दर्ज

फोटो साभार-पीटीआई
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दिल्ली पुलिस ने रविवार को जंतर-मंतर पर पहलवानों के विरोध-प्रदर्शन के आयोजकों और उनके समर्थकों पर दंगा करने तथा सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डालने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया को रविवार को सुरक्षा घेरा तोड़कर महिला ‘महापंचायत’ के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश करने के बाद कानून और व्यवस्था के उल्लंघन को लेकर हिरासत में लिया.

क्यों हो रहा है प्रदर्शन
देश के शीर्ष पहलवानों ने 23 अप्रैल को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर अपना आंदोलन फिर से शुरू किया था. बृजभूषण पर एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है.

जंतर-मंतर पर क्या हुआ
जंतर-मंतर पर पहलवानों के विरोध प्रदर्शन का रविवार को बलपूर्वक अंत करते हुए दिल्ली पुलिस ने विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया को सुरक्षा घेरा तोड़कर महिला ‘महापंचायत’ के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश करने के बाद कानून और व्यवस्था के उल्लंघन के लिए हिरासत में ले लिया. इसके बाद जंतर मंतर पर से उनका सामान हटाते हुए कहा कि अब उन्हें यहां लौटने नहीं दिया जायेगा . पहलवानों को जबरदस्ती बसों में बैठाकर अलग-अलग स्थलों पर भेज दिया गया. पुलिस ने इसके बाद पहलवानों के अन्य सामान के साथ चारपाई, गद्दे, कूलर, पंखे और तिरपाल की छत को हटा दिया.

पुलिस ने क्या कहा
पुलिस ने कहा कि जंतर मंतर पर 109 प्रदर्शनकारियों सहित पूरी दिल्ली में 700 लोगों को हिरासत में लिया गया. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 188 (लोक सेवक के आदेश की अवज्ञा), 186 (लोक सेवक के कर्तव्य निर्वहन में बाधा डालना), 353 (सरकारी कर्मचारी पर हमला या आपराधिक बल का उपयोग) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. उन्होंने बताया कि आईपीसी की धारा 352 (गंभीर उकसावे के अलावा हमला या आपराधिक बल), 147 (दंगा) और 149 (गैरकानूनी जमावड़ा) भी प्राथमिकी में शामिल हैं.


किसके खिलाफ दर्ज हुआ केस
पहलवान बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगट और विरोध के अन्य आयोजकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. कुछ पहलवान विरोध करने के लिए रात में जंतर-मंतर आए थे, उन्हें अनुमति नहीं दी गई और वापस भेज दिया गया.





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