रूस-यूक्रेन जंग में केरल के त्रिशूर के नागरिक बिनिल बाबू की मौत को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा है कि उनकी मौत बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. मंत्रालय ने उनके परिवार के लिए अपनी संवेदनाएं व्यक्त की है और आश्वासन दिया है कि भारतीय दूतावास रूसी अधिकारियों के संपर्क में है, जिससे मारे गए भारतीयों को पार्थिव शरीर को जल्द से जल्द भारत लेकर आया जा सके. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि रूस यूक्रेन युद्ध में 12 भारतीय नागरिक मारे गए हैं तो वहीं 16 लापता है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “बिनिल बाबू की मौत बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. हमने उनके परिवार को अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं. हमारा दूतावास रूसी अधिकारियों के संपर्क में है, ताकि उनका पार्थिव शरीर जल्द से जल्द भारत वापस आ सके. एक अन्य व्यक्ति जो घायल हुआ था, उसका मॉस्को में इलाज चल रहा है. उम्मीद है कि वह भी अपना इलाज पूरा होने के बाद जल्द ही भारत लौट आएगा. आज (17 जनवरी, 2025) तक, 126 मामले (रूसी सेना में सेवारत भारतीय नागरिकों के) सामने आए हैं. इन 126 मामलों में से 96 लोग भारत लौट आए हैं और उन्हें रूसी सशस्त्र बलों से छुट्टी दे दी गई है.”
रणधीर जायसवाल ने कहा, “रूसी सेना में 18 भारतीय नागरिक बचे हैं और उनमें से 16 व्यक्तियों का पता नहीं चल पाया है. रूसी पक्ष ने उन्हें लापता के रूप में वर्गीकृत किया है…हम उन लोगों की जल्द रिहाई और स्वदेश वापसी की मांग कर रहे हैं जो बचे हैं. 12 भारतीय नागरिक मारे गए हैं जो रूसी सेना में सेवारत थे.”
प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने आगे कहा, “रूसी सेना में सेवारत भारतीय नागरिकों के हमारे पास कुल 126 मामले सामने आए हैं और इनमें से 96 लोग पहले ही भारत लौट आए हैं. रूसी सशस्त्र बलों की ओर से उनको छुट्टी दे दी गई है. 18 भारतीय नागरिक अब भी युद्ध में हैं. इनमें से 16 व्यक्तियों का पता नहीं चल पाया है. जिनका पता नहीं चल पाया है, रूसी अफसरों ने उन्हें लापता व्यक्तियों की लिस्ट में डाला है.
इस सप्ताह की शुरुआत में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि उन्होंने रूस की सरकार से इस मुद्दे को दृढ़ता से उठाया है. विदेश मंत्रालय की ओर से ये बात बिनिल बाबू के रूसी मोर्चे पर लड़ते हुए मारे जाने की रिपोर्ट के एक दिन बाद कही.