मणिपुर के जिरीबाम जिले में सुरक्षाबलों को कुकी उग्रवादियों के खिलाफ एक बड़ी सफलता मिली है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बोरोबेक्रा सबडिवीजन के जकुराधोर करोंग इलाके में हुए एक ऑपरेशन में सुरक्षाबलों ने 11 उग्रवादियों को मार गिराया. हालांकि, इस दौरान सीआरपीएफ का एक जवान घायल हो गया. इस ऑपरेशन की सफलता के बावजूद, मणिपुर के इंफाल घाटी में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है,
मणिपुर की इंफाल घाटी में हाल ही में जातीय संघर्ष और उग्रवादियों के हमलों से स्थिति गंभीर हो गई है. उग्रवादी किसानों को निशाना बनाकर हमले कर रहे हैं, जिससे क्षेत्र में भय का माहौल है. उग्रवादियों के आतंक से किसान खेतों में काम करने से भी डरने लगे हैं. सोमवार को उग्रवादियों ने इंफाल के पहाड़ी इलाकों से गोलीबारी की, जिसमें एक किसान घायल हो गया.
अधिकारियों के मुताबिक, इन हमलों ने बाहरी इलाकों में रहने वाले किसानों को अपने खेतों में जाने से डराया है, जिसके कारण फसल की कटाई प्रभावित हो रही है. खासकर, किसान अब अपने खेतों में काम करने से हिचकिचा रहे हैं, क्योंकि उन्हें उग्रवादियों के हमलों का खतरा है.
इस हमले के बाद सुरक्षा बलों ने कार्रवाई करते हुए उग्रवादियों पर जवाबी कार्रवाई शुरू की. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हमला सोमवार सुबह करीब 9:20 बजे हुआ, जब कांगपोकपी जिले के पहाड़ी इलाकों से उग्रवादियों ने याइंगंगपोकपी शांतिखोंगबन क्षेत्र में स्थित किसानों पर गोलीबारी की. इस हमले में एक किसान के हाथ में छर्रे लग गए. घायल किसान का इलाज जारी है.
सुरक्षा बलों और उग्रवादियों के बीच कुछ समय तक गोलीबारी होती रही, लेकिन अब तक कोई अन्य जान-माल की हानि नहीं हुई है. शनिवार को चुराचांदपुर जिले में उग्रवादियों द्वारा किए गए हमले में एक महिला किसान की मौत हो गई थी. रविवार को इंफाल पूर्व जिले के कुछ क्षेत्रों में भी इसी तरह के हमले हुए थे, जिनमें किसानों को निशाना बनाया गया था.
मणिपुर में जातीय संघर्ष का संकट मई 2023 में शुरू हुआ था, जब मेइती और कुकी समुदायों के बीच हिंसा भड़क उठी थी. इस संघर्ष में अब तक 200 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. लगातार हो रहे हमले और सुरक्षा बलों की कार्रवाई के बावजूद स्थिति नियंत्रण में नहीं आ पा रही है.