मुंबई के कुर्ला में चार मंजिला इमारत गिरने से 19 लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई लोगों को बचाया गया है. राहत व बचाव कार्य जारी है. बता दें कि कल रात चार मंजिला इमारत गिर गई थी.
बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल ने कहा कि मैंने फायर ब्रिज और एनडीआरएफ से अनुरोध किया है कि ऑपरेशन (खोज और बचाव अभियान) सावधानी से करें क्योंकि अंदर कुछ लोग जीवित हो सकते हैं. नगर निकाय जांच करेगा. 9 लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई.
मंत्री सुभाष देसाई ने कहा कि मृतकों के परिवार को 5-5 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी और घायलों का नि:शुल्क इलाज कराया जाएगा. घटना की जांच की जाएगी और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. ऐसी घटना दोबारा न हो यह सुनिश्चित करने के लिए बैठक बुलाई गई है.
शिवसेना विधायक संजय पोटनिस ने कहा कि 2016 में इमारत को C1 श्रेणी के तहत सूचीबद्ध किया गया था. बाद में एक ऑडिट के बाद इसे C2 के तहत पुनर्वर्गीकृत किया गया. C2 पुनर्वर्गीकरण के बाद इसकी मरम्मत की जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. हालांकि, मुझे नहीं लगता कि बीएमसी की ओर से कोई लापरवाही हुई है.
महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने घटना में मारे गए लोगों के परिवारों को 5-5 लाख रुपए के मुआवजे की घोषणा की है. शिवसेना के बागी विधायक मंगेश कुडलकर ने ट्वीट कर अपनी संवेदना व्यक्त की और घोषणा की कि मुंबई दुर्घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों को 5 लाख रुपए और घायलों को 1 लाख रुपए दिए जाएंगे.
हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुंबई में इमारत गिरने से आहत हूं. इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं और प्रार्थनाएं घायलों के साथ हैं. प्रत्येक मृतक के परिजन को पीएमएनआरएफ की ओर से 2-2 लाख रुपए की अनुग्रह राशि दी जाएगी. घायलों को 50,000 रुपए दिए जाएंगे.
महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि घायल लोगों को अस्पताल ले जाया गया है. चारों इमारतों को नोटिस दिया गया फिर भी वहां कुछ लोग रह रहे थे. अभी हमारी प्राथमिकता सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकालना है और मंगलवार सुबह हम विध्वंस की प्रक्रिया शुरू करेंगे.
उन्होंने आगे कहा कि जैसे ही बीएमसी इस तरह के नोटिस देती है इमारत को खाली करना पड़ता है ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके. उन्होंने कहा कि इस तरह के हादसों को रोकने के लिए कड़े इंतजाम किए गए हैं. इस मामले में देखा जाएगा कि खामी या गैरजिम्मेदार रवैया किस पक्ष का रहा है.