उत्तर प्रदेश के कानपुर में कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने की साजिश के संदर्भ में उत्तर प्रदेश एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) को जमातियों पर संदेह है। एटीएस ने अब अपनी जांच में जमातियों को शामिल किया है और इस घटना की आतंकी पहलू से भी जांच की योजना बनाई जा रही है।
आठ सितंबर की रात करीब 8:30 बजे, प्रयागराज से भिवानी की ओर जा रही कालिंदी एक्सप्रेस अनवरगंज-कासगंज रेलवे लाइन पर एक एलपीजी सिलेंडर से टकरा गई। यह दुर्घटना बर्राजपुर और बिल्हौर स्टेशन के बीच घटी। पुलिस के अनुसार, लोको पायलट ने ट्रैक पर एक संदिग्ध वस्तु देखी और तत्काल ब्रेक लगाई, लेकिन ट्रेन को नियंत्रित नहीं कर पाया और वह वस्तु से टकरा गई। इस टक्कर के बाद एक जोरदार धमाका हुआ। लोको पायलट ने तुरंत ट्रेन को रोका और गार्ड तथा अन्य अधिकारियों को इस गंभीर घटना की जानकारी दी।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस मामले में अपनी एंट्री कर दी है और कानपुर पुलिस से संपर्क करके मामले की पूरी जानकारी प्राप्त की है। एनआईए के शामिल होने से यह संकेत मिलता है कि इस घटना की व्यापक और गहन जांच की जाएगी, जिससे किसी भी संभावित आतंकवादी साजिश का खुलासा किया जा सके।
सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) जल्द ही कानपुर का दौरा कर इस मामले की जांच शुरू करने वाली है। इससे पहले, एनआईए ने कानपुर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से संवाद करके मामले की पूरी जानकारी हासिल की है। इस जांच में पहले से ही इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और यूपी एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) भी शामिल हैं।
एटीएस के आईजी शिवराजपुर पुलिस थाने में पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं, जबकि पुलिस ने मामले की गहराई से जांच के लिए पांच अलग-अलग टीमों का गठन किया है। इन टीमों का उद्देश्य इस जटिल मामले को विभिन्न दृष्टिकोणों से विश्लेषण कर संभावित संदिग्धों और साजिश की तह तक पहुंचना है।