कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर मामले की जांच अब सीबीआई करेगी. कलकत्ता हाईकोर्ट ने यह बड़ा फैसला सुनाया है. इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि पुलिस अगर रविवार तक जांच पूरी नहीं करती है, तो मामले को सीबीआई को सौंप दिया जाएगा. हालांकि, पीड़िता के माता-पिता चाहते थे कि मामले की सीबीआई जांच की जाए. सोमवार को जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उनसे मिलने पहुंचीं थीं, तब भी उन्होंने इसकी मांग की थी.
कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई की और जांच को हर हाल में बुधवार सुबह तक सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया. तीन हफ्ते बाद मामले की अगली सुनवाई होगी. पूरी जांच हाईकोर्ट की निगरानी में होगी. इससे पहले हाईकोर्ट ने पुलिस को दोपहर एक बजे तक केस की पूरी जानकारी देने को कहा था. इसमें कोर्ट के सामने कई नई जानकारियां सामने आईं.
लड़की के माता-पिता काआरोप था कि उन्हें तीन घंटे तक शव के पास नहीं जाने दिया गया. लेकिन पुलिस ने कोर्ट में इस दावे को नकार दिया है. उन्होंने कहा कि घटना के कुछ देर बाद ही पेरेंट्स जैसे पहुंचे, उन्हें शव के पास जाने दिया गया. राज्य सरकार के वकील ने उस दिन का पूरा घटनाक्रम बताया. कहा, अस्पताल से पुलिस स्टेशन को सुबह 9:30 बजे कॉल किया गया था. बाद में आरजी कर हॉस्पिटल के असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट ने 2 बार फोन किया. सुबह 10:10 बजे चौकी पर खबर आई. उसके बाद आलाअधिकारियों को सूचना दी गई. करीब 11:00 बजे होमिसाइड टीम अस्पताल पहुंच चुकी थी.
सरकारी वकील ने बताया कि लेडी डॉक्टर के माता-पिता दोपहर 1 बजे सोदपुर से आए थे. फॉरेंसिक टीम उस वक्त पहुंची हुई थी. तब फोरेंसिक टीम साक्ष्य इकट्ठा कर रही थी, इसलिए पेरेंट्स को कुछ देर के लिए रुकने को कहा गया. हालांकि, 10 मिनट बाद ही भीड़ को नियंत्रित कर लड़की के माता पिता को सेमिनार हॉल में ले जाया गया. जहां शव रखा हुआ था. वहां कुर्सियों का इंतजाम भी किया गया, ताकि वे सामने देख सकें कि फोरेंसिक टीम क्या-क्या कर रही है. इसलिए पेरेंट्स का ये दावा गलत है कि उन्हें शव देखने के लिए तीन घंटे तक इंतजार कराया गया.