क्राइम

हुगली में तिरंगा फहराने को लेकर विवाद, बीजेपी नेता की हत्या

सांकेतिक फोटो
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पश्चिम बंगाल में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तिरंगा फहराने को लेकर हुए विवाद ने ऐसा हिंसक रूप लिया कि इसमें एक 40 साल के बीजेपी कार्यकर्ता की जान चले गई. मामला राज्य के हुगली जिले का है जहां सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने बीजेपी कार्यकर्ता की कथित तौर पर पीट पीटकर हत्या कर दी. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ता हुगली के खानकुल ब्लॉक में ध्वजारोहण कार्यक्रम कर रहे थे इसकी दौरान तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से उनकी बहस हो गई और मामूली कहानसुनी ने हिंसक रूप धारण कर लिया जिसमें एक शख्स की मौत हो गई है. मृतक बीजेपी कार्यकर्ता खानकुल ब्लॉक का निवासी था.

भाजपा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि सुदर्शन प्रमाणिक नाम के शख्स को टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने पहले घसीटा फिर इस कदर पिटाई की कि उसकी जान चले गई. हालांकि टीएमसी ने इस आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि विवाद बीजेपी का अंदरूनी मसला है जिसका टीएमसी से कोई लेना देना नहीं है. टीएमसी का आरोप है कि भाजपा इस घटना के जरिए यहां एक अराजकता भरा माहौल पैदा करने की कोशिश में जुटी है.

इस संबंध में एसपी तथागत बासु ने कहा कि खानाकुल में एक शख्स की मौत हुई है जिसकी जांच जारी है. इस मामले में आठ लोगों को हिरास में लिया गया है और उनसे पूछताछ जारी है. बासु ने इस हिंसा के पीछे राजनीतिक हाथ होने को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब नहीं दिया.

खबर के मुताबिक, तिरंगा फहराने को लेकर दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई, जिसमें भाजपा कार्यकर्ता को कथित तौर पर टीएमसी कार्यकर्ताओं ने इतना पीटा कि उसने बाद मेंदम तोड़ दिया. इससे पहले जुलाई में, पश्चिम बंगाल में पूर्वी मिदनापुर जिले के कचुरी गाँव में एक स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता का शव एक पेड़ से लटका मिला था. पूर्णाचरण दास को एक पेड़ से लटका हुआ पाया गया. एएनआई से बात करते हुए, दास के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया था कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता जो दास को अपनी पार्टी में शामिल करने का आग्रह कर रहे थे, वे ‘हत्या’ के अपराधी थे.

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