महाराष्ट्र के अमरावती में हुए फार्मासिस्ट उमेश कोल्हे मर्डर केस की जांच तेज हो गई है. उदयपुर में हुई कन्हैयालाल की हत्या की तरह भी उमेश कोल्हे का मर्डर किया गया. गृह मंत्रालय ने ने 21 जून को अमरावती महाराष्ट्र में उमेश कोल्हे की बर्बर हत्या से संबंधित मामले की जांच एनआईए को सौंप दी है.
मंत्रालय के बयान के मुताबिक हत्या के पीछे की साजिश, संगठनों की संलिप्तता और अंतरराष्ट्रीय संबंधों की गहन जांच की जाएगी.राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानि एनआईए और एटीएस की टीम अमरावती पहुंच चुकी हैं.
हत्याकांड मामले में बीजेपी ने आरोप लगाया है कि नुपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट लिखने पर फार्मासिस्ट उमेश कोल्हे की गला काट कर हत्या की गई थी. अमरावती की सांसद नवनीत राणा ने पुलिस तथा कांग्रेस नेताओं पर जानबूझकर इसे चोरी का मामला बताने का आरोप लगाया है.
इस बीच उमेश कोल्हे के मर्डर केस में बड़ी खबर सामने आ रही है. सूत्रों के मुताबिक, पुलिस एक एनजीओ वाले की तलाश में जुटी है जिसके इशारे पर यह हत्या हुई है. खबर के मुताबिक उमेश कोल्ह की हत्या की प्लानिंग एक सप्ताह से चल रही थी.
अमरावती जिले के मेडिकल व्यवसाई उमेश कोल्हे की 21 जून को उस समय हत्या कर दी गई थी जब वह घर वापस लौट रहे थे, इस दौरान कुछ ही दूरी पर उनका बेटा भी पीछे आ रहा था. 54 वर्ष के कोल्हे ने नूपुर शर्मा के विवादित बयान पर उनके समर्थन में सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट शेयर किए थे.
उमेश कोल्हे के बेटे संकेत की तरफ से पुलिस में दर्ज शिकायत के बाद जांच के आधार पर शाहरुख पठान, मुदस्सिर अहमद, आतिफ रशीद, शमीम फिरोज अहमद को गिरफ्तार किया है. हत्याकांड को उस समय अंजाम दिया गया जब उमेश अपना मेडिकल स्टोर बंद कर घर जा रहे थे. कुछ लोगों ने उनका मोटरसाइकिल से पीछा किया और बाद में रोककर गले पर चाकू से वार करना शुरू कर दिया. इसके तुरंत बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.