हाल ही में नियुक्त किए गए बीसीसीआई के 36वें अध्यक्ष रोजर बिन्नी के सामने एक नई मुसीबत खड़ी हो गई हैं. उनकी इस मुसीबत की वजह और कोई नहीं बल्कि उनकी बहू मयंती लैंगर हैं. रोजर बिन्नी को बीसीसीआई के एथिक्स ऑफिसर विनीत सरन ने हितों के टकराव के लिए नोटिस भेजा हैं और 20 दिसंबर तक उनसे लिखित जवाब भी मांगा हैं.
एथिक्स सरन ने नोटिस में लिखा है कि आपको इसके द्वारा सूचित किया जाता है कि बीसीसीआई के नियम और विनियम के नियम 39(2)(बी) के तहत बीसीसीआई के एथिक्स ऑफिसर को नियम 38(1)(i)और नियम 38(2) के उल्लंघन के लिए एक शिकायत प्राप्त हुई है. उक्त नियम के हिसाब से आप पर “हितों के टकराव” का मामला है. आपको 20 दिसंबर को या उससे पहले संलग्न शिकायत पर अपनी लिखित प्रतिक्रिया दर्ज करने का निर्देश दिया जाता है. सरन द्वारा दिए गए नोटिस की तारीख 21 नवंबर है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हितों के टकराव का मतलब होता क्या हैं. यह एक परिस्थिति होती है जिसमें कोई व्यक्ति या संगठन एक से अधिक हितों या गोल को हासिल करने में लिप्त हो जिनमें आपसी टकराव हो. जैसे कि कोई व्यक्ति किसी नौकरी के लिए ली जाने वाले साक्षात्कार की समिति का सदस्य है और उसका बेटा या कोई रिश्तेदार उस नौकरी के लिए साक्षात्कार हेतु आता है या आने वाला है तो यह एक हित द्वंद्व की स्थिति हैं.
तो ऐसी परिस्थिति में बीसीसीआई अध्यक्ष फंस गए हैं. अब मैं आपको बताता हूं कि वो कैसे इस मुश्किल में फंसे हैं. दरअसल उनके बेटे और भारत के पूर्व क्रिकेटर स्टुअर्ट बिन्नी की पत्नी मयंती लैंगर एक स्पोर्ट्स चैनल स्टार स्पोर्ट्स में बतौर एंकर काम करती हैं और भारत दौरे पर होने वाला कोई भी क्रिकेट मैच का मीडिया अधिकार स्टार स्पोर्ट्स के पास ही हैं.
वहीं आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 67 वर्षीय रोजर बिन्नी 1983 के विश्व कप में लीडिंग विकेट टेकर गेंदबाज थे. उन्होंने उस वक्त 18 विकेट लिए थे और भारत को विश्व कप जिताने में अहम रोल निभाया था.