क्रिकेट

एक बार फिर से होने लगी ‘मांकडिंग’ की चर्चा, कौन थे ये करने वाले पहले खिलाड़ी

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दीप्ति शर्मा ने तीसरे वनडे में भारतीय महिला टीम को रोमांचक जीत दिलाई. इंग्लिश टीम जीत से सिर्फ 17 रन दूर थी. पारी का 44वां ओवर डाल रही ऑफ स्पिनर दीप्ति ने चार्ली डीन को मांकडिंग से रन आउट किया. इस तरह से भारतीय महिला टीम ने सीरीज पर 3-0 से कब्जा किया.

हालांकि दीप्ति के रन आउट के बाद कई लोग इसे सही मान रहे हैं, तो कुछ गलत बता रहे हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर पहली बार मांकडिंग का प्रयोग किस खिलाड़ी ने किया और इसे यह खास नाम कैसे मिला. यहां भी भारतीय दिग्गज वीनू मांकड़ का नाम आता है. उन्हीं के नाम पर इसका नाम मांकडिंग रखा गया.

आईसीसी ने हाल ही में अपने नियमों में बदलाव किया है. ये नियम एक अक्टूबर से लागू होने जा रहे हैं. इसके अनुसार, यदि कोई नॉन-स्ट्राइक पर खड़ा बल्लेबाज गेंदबाज के गेंद डालने से पहले क्रीज से बाहर निकल जाता है, यदि गेंदबाज उसे रनआउट करता है, तो पहले उसे अनफेयर-प्ले कहा जाता था. लेकिन अब इसे रन आउट ही कहा जाएगा. इसे मांकडिंग के नाम से भी जाना जाता है.

वीनू मांकड़ के करियर की बात करें, तो उन्होंने 44 टेस्ट में 31 की औसत से 2109 रन बनाए. 5 शतक और 6 अर्धशतक लगाए. 231 रन की सबसे बड़ी पारी खेली.

वहीं इस बाएं हाथ के स्पिनर ने 32 की औसत से 162 विकेट भी झटके. 52 रन देकर 8 विकेट बेस्ट प्रदर्शन रहा. उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 11500 से अधिक रन बनाने के अलावा 780 से अधिक विकेट भी लिए.




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