भारतीय महिला टीम ने श्रीलंका का उसी की जमीन पर सूपड़ा साफ कर दिया. सीरीज के अंतिम मैच में भारतीय टीम ने मेजबान श्रीलंका को 39 रन से करारी शिकस्त दे दी. इस जीत ने कप्तान हरमनप्रीत के लिए तीन वनडे की इस सीरीज को ऐतिहासिक बना दिया.
कप्तान मिताली राज ने जून में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लिया था, जिसके बाद हरमनप्रीत को टी20 के साथ-साथ वनडे टीम की फुल टाइम कप्तानी दे दी गई. बतौर फुल टाइम कप्तान हरमनप्रीत ने अपनी पहली वनडे सीरीज में श्रीलंका का क्लीन स्वीप कर दिया.
सीरीज के तीसरे वनडे मैच में शेफाली वर्मा और स्मृति मंधाना से एकबार फिर से मैदान में धूम – धड़ाका करने की उम्मीद सबको थी. हालांकि मंधाना सिर्फ छह रन बना सकीं लेकिन ओपनर शेफाली ने 50 गेंद में 49 रन की पारी खेलकर टीम को मजबूती दी. शेफाली और यास्तिका भाटिया ने मिलकर दूसरे विकेट के लिए 59 रन की साझेदारी की.
कप्तान हरमनप्रीत मौजूदा सीरीज में भारत के लिए सबसे कंसिस्टेंट प्रदर्शन करने वाली खिलाड़ी रही हैं. पहले वनडे में उन्होंने एक विकेट लेने के साथ सर्वाधिक 44 रन बनाए और इस मुकाबले में भी उन्होंने ठीक उसी लय को बनाए रखा. हरमनप्रीत ने छठे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए सर्वाधिक 75 रन ठोके और एक विकेट भी अपने नाम किया.
लोअर ऑर्डर में आठवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतरीं पूजा वस्त्राकर ने बेहतरीन अर्धशतक लगाया. उन्होंने तीन छक्कों की मदद से 65 गेंदों पर 56 रन की जबरदस्त पारी खेली और श्रीलंका के सामने जीते के लिए 256 रन का लक्ष्य रखा.
इस वनडे सीरीज में तेज गेंदबाज रेणुका सिंह ने शानदार छाप छोड़ी लेकिन अंतमि मैच में उन्हें कोई विकेट नहीं मिला. इसका नतीजा ये हुआ कि श्रीलंका इस सीरीज में पहली बार 200 के आंकड़े को छूने में कामयाब हो गई.
श्रीलंका की ओर से कप्तान चमारी अट्टापट्टू, हसिनि परेरा और नीलाक्षी डिसिल्वा ने अच्छी बल्लबाजी की लेकिन बड़ा स्कोर खड़ा करने में नाकाम रहे. भारत की ओर से सर्वाधिक तीन विकेट राजेश्वरी गायकवाड़ को मिले, जबकि मेघना सिंह और पूजा वस्त्राकर को 2-2 सफलताएं मिलीं.