भारत ने फाइनल में श्रीलंका को हराकर एशियन गेम्स के महिला क्रिकेट का गोल्ड मेडल जीत लिया. ये पहला मौका है, जब भारतीय टीम एशियन गेम्स के क्रिकेट इवेंट में हिस्सा ले रही थी और पहली बार में ही स्वर्ण पदक जीत लिया. भारत के 117 रन के टारगेट के जवाब में श्रीलंका की टीम 20 ओवर में 8 विकेट पर 97 रन ही बना सकी.
भारत की जीत में तेज गेंदबाज तितास साधु का अहम योगदान रहा. उन्होंने 4 ओवर में 6 रन देकर 3 विकेट लिए. ये महिला टी20 में किसी भी भारतीय गेंदबाज का संयुक्त रूप से दूसरा सबसे किफायती स्पैल है. इस मैच में भारत ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का फैसला किया था. दो मैच का बैन झेलने के बाद रेगुलर कप्तान हरमनप्रीत कौर की इस मैच से टीम इंडिया में वापसी हुई थी.
एशियन गेम्स के इतिहास में ये तीसरा मौका था, जब क्रिकेट को इसमें शामिल किया गया था. इससे पहले दो मौकों पर जब क्रिकेट इन खेलों का हिस्सा बना था, तब भारत की महिला और पुरुष दोनों टीमों ने इसमें शिरकत नहीं की थी. मतलब, भारत ने पहली मर्तबा इन खेलों के क्रिकेट इवेंट में टीम उतारी और गोल्ड मेडल जीत लिया. इससे बेहतर किसी चीज की उम्मीद नहीं की जा सकती थी. इससे पहले, भारतीय महिला टीम कॉमनवेल्थ गेम्स का गोल्ड मेडल जीतने से चूक गई थी.
भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही थी. शेफाली वर्मा 9 रन बनाकर आउट हो गईं थीं. हालांकि, दूसरे छोर से स्मृति मंधाना डटी रहीं. उन्हें तीसरे नंबर पर बैटिंग के लिए उतरीं जेमिमा रोड्रिग्स का पूरा साथ मिला. दोनों के बीच दूसरे विकेट के लिए 67 गेंद में 73 रन की साझेदारी हुई. हालांकि, मंधाना (46) के 89 रन से स्कोर आउट होने के बाद तो भारतीय पारी लड़खड़ा गई और एक-एक कर विकेट गिरते गए. कप्तान हरमनप्रीत कौर 2, ऋचा घोष 9, पूजा वस्त्रकार 2 रन ही बना पाईं.
जेमिमा भी 42 रन बनाकर आउट हो गईं और अच्छी शुरुआत के बावजूद भारतीय टीम 20 ओवर में सिर्फ 7 विकेट पर 116 रन बना पाई. श्रीलंका की तरफ से सुंगधिका कुमारी ने 2, इनोका राणावीरा ने भी 2 विकेट लिए.