नीट पेपर लीक मामले को लेकर जहां देशभर में राजनीतिक पारा गर्म है तो वहीं बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के पीएस प्रीतम कुमार का नाम नीट पेपर लीक मामले से जुड़ने के बाद राज्य में राजनीतिक उथल-पुथल और बढ़ गई है. दरअसल ये आरोप लगाया जा रहा है कि प्रीतम कुमार ने ही गेस्ट हाउस में वह कमरा बुक कराया था जहां यह संदिग्ध गतिविधियां हुईं. इस मामले को लेकर तेजस्वी यादव ने 21 जून को एक बड़ा बयान दे दिया है, जिसके बाद से ही विपक्ष में हलचल मच गया है.
तेजस्वी यादव ने कहा है कि अगर प्रीतम कुमार का नाम इस मामले में आ रहा है तो जांच एजेंसियां उन्हें बुलाकर पूछताछ कर सकती हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि जो भी दोषी पाए जाएं उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए. अपने बयान में तेजस्वी यादव ने यह भी कहा, ”अगर इन लोगों से नहीं हो रहा है तो मैं मुख्यमंत्री को बोल देता हूं जो भी दोषी हैं उनको गिरफ्तार करें.”
वहीं तेजस्वी यादव ने सीधे तौर पर इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, ”जो इंजीनियर गिरफ्तार हुआ है वह बेनिफिशियरी हो सकता है, लेकिन मास्टरमाइंड अमित आनंद है. मास्टरमाइंड नीतीश कुमार है.” उन्होंने अपने आरोपों के समर्थन में कुछ तस्वीरें भी साझा की हैं.
इसके साथ ही आपको बता दें कि तेजस्वी यादव ने उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा के एक बयान पर तीखा जवाब दिया. उन्होंने कहा, ”उनका कोई ज्ञान नहीं है. आर्थिक अपराध इकाई तो उनको कुछ ब्रीफ करता नहीं है.” तेजस्वी ने आरोप लगाया कि शिक्षक भर्ती के आरोपी बिना जेल गए ही बेल पर रिहा हो गए. उन्होंने दावा किया कि उनके पास इस मामले की पूरी जानकारी है.
तेजस्वी यादव ने अपने बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी नहीं छोड़ा. उन्होंने कहा, ”जब से प्रधानमंत्री बिहार का लगातार दौरा कर रहे हैं तब से बिहार में पुल गिर रहा है और कुछ ना कुछ हो रहा है. प्रधानमंत्री हर मामले में चुप्पी साधे हुए हैं.” उन्होंने आरोप लगाया कि इस पूरे मामले को डायवर्ट किया जा रहा है और उन्हें बेवजह इसमें घसीटा जा रहा है। तेजस्वी ने स्पष्ट कहा, ”हम तो स्पष्ट तौर पर बोलते हैं कि जिनको जो जांच करनी है कर लें.”
आपको बता दें कि नीट पेपर लीक मामला बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में हलचल मचा रहा है. तेजस्वी यादव के बयान और आरोपों ने इसे और गंभीर बना दिया है. इस मामले की जांच के लिए तेजस्वी ने प्रीतम कुमार से पूछताछ का सुझाव दिया है, जो इस मुद्दे पर उनकी पारदर्शिता और निष्पक्षता को दर्शाता है. वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगाए गए आरोपों ने राज्य की राजनीति में नए विवाद को जन्म दिया है.