राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) 2024 को रद्द करना उचित नहीं है क्योंकि यह होनहार छात्रों के साथ धोखा होगा. नीट परीक्षा धांधली मामले में राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में यह बात कही. एजेंसी ने कहा कि पेपर लीक की सूचना मिलते ही सभी जरूरी कदम उठाए गए थे.
अपने हलफनामे में एनटीए ने कहा है कि कई राज्यों में नीट पेपर लीक की शिकायतें आई हैं और इसीलिए सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है. एनटीए ने कहा है कि इससे जुड़े मामलों में गिरफ्तारियां भी की गई हैं और पेपर लीक करने करने वाले संगठित गिरोह के साथ ही उसके सरगना की तलाश लगातार जारी है.
एनटीए सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए नीट-यूजी का आयोजन करती है. इस साल पांच मई को 4,750 केंद्रों पर यह परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें लगभग 24 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे. प्रश्न पत्र लीक समेत अनियमितताओं के आरोपों के कारण कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए तथा विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को उठाया.
पिछली परीक्षा रद्द करने, दोबारा परीक्षा कराने और उच्चस्तरीय जांच की मांग संबंधी याचिकाओं पर आठ जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. सीबीआई ने इस मामले में छह प्राथमिकी दर्ज की है. बिहार में दर्ज प्राथमिकी पेपर लीक होने से संबंधित है, जबकि गुजरात और राजस्थान में दर्ज प्राथमिकी परीक्षार्थी के स्थान पर किसी दूसरे व्यक्ति के परीक्षा देने और धोखाधड़ी से संबंधित हैं.
सीबीआई ने बीते 3 जुलाई को ही नीट यूजी पेपर लीक मामले में कथित सह-साजिशकर्ता अमन सिंह को झारखंड के धनबाद से गिरफ्तार किया है. सीबीआई को कथित तौर पर पेपर लीक में शामिल झारखंड में सक्रिय मॉड्यूल के बारे में खुफिया जानकारी मिली थी, जिसके बाद सिंह को गिरफ्तार किया गया.