यह है तो फल लेकिन पानी में उगता है. जी हां, सिघाड़ा बेशकीमती फल है जिससे सेहत को कई फायदे मिलते हैं. सिघाड़ा मुख्य रूप से भारत, चीन और फिलीपींस में उगाए जाते हैं. यह दलदली जमीन पर उगता है.
इसके लिए पानी की गहराई एक फुट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. सिघाड़ा सिर्फ सर्दी के कुछ महीनों में ही मिल सकता है. सिघाड़ा कई तरह के पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है.
सिंघाड़ा में पर्याप्त मात्रा में विटामिन ए, विटामिन सी, मैंगनीज, फाइबर, फोस्फोरस, आयोडीन, मैग्नीशियम आदि पाया जाता है. इसके साथ ही इसमें कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो कई तरह की क्रोनिक बीमारियों के जोखिम को कम करते हैं. क्रोनिक बीमारियों मतलब डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और मोटापा जैसी बीमारियों पर सीधा वार करता है सिघाड़ा. आइए जानते हैं सिघाड़ा के क्या-क्या फायदे हैं.
सिंघाड़ा के फायदे-:
1. हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल-सिघाड़ा में पर्याप्त मात्रा में पोटैशियम मौजूद रहता है जो हाई ब्लड प्रेशर को कम करता है. इसके साथ ही यह स्ट्रोक और हार्ट अटैक के जोखिम को भी कम करने में कारगर है. इसमें मौजूद सोडियम ब्लड प्रेशर को संतुलित करता है.
2.कोलेस्ट्रोल कम-सिंघाड़ा हार्ट संबंधी कई तरह की दिक्कतों को कम करने में सक्षण है. सिंघाड़ा में हेल्दी फैट होता है जो बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है. यह एलडीएल, ट्राईग्लिसिराइड को बढ़ने नहीं देता है.
3. वजन कम –सिघाड़ा में बहुत अधिक फाइबर पाया जाता है. यह डाइजेस्टिव सिस्टम को मजबूत करता है. वहीं सिघाड़ा खाने के बाद बहुत देर तक भूख नहीं लगती है जिसके कारण अगर कोई वजन कम करना चाहता है तो सिघाड़ा का सेवन बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है. आधा कप सिंघाड़ा में सिर्फ 45 कैलोरी ऊर्जा होती है. इसके अलावा इसमें फैट बिल्कुल नहीं होता है. इन सब वजहों से यह वजन कम करने में बहुत मददगार है.
4. शुगर को कंट्रोल –सिंघाड़ा में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं. इसके साथ ही इसमे कार्बोहाइड्रैट भी सिर्फ 10 ग्राम ही होता है. वहीं 3 ग्राम डाइट्री फाइबर होता है जो फूड को देरी से पचाता है. इसलिए यह कुदरती रूप से इंसुलिन के प्रोडक्शन को बढ़ाता है. पर्व-त्योहार में इसी वजह से डायबेटिक मरीज को सिघाड़ा का आटा खाने की सलाह दी जाती है.
5. इंफेक्शन से रखता है दूर-सिंघाड़ा में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं. ये शरीर में फ्री रेडिकल को बनने नहीं देते. फ्री रेडिकल्स के कारण सेल्स में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बनता है. इस ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के कारण हार्ट डिजिज, डायबिटीज जैसी क्रोनिक बीमारियां होती है. इसके साथ ही इंफेक्शन का हमला भी तेज होता है. यह ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है जिसके कारण शरीर में कोई इंफेक्शन नहीं होता.
6. कैंसर से लड़ने में सक्षम-सिघाड़ा में मौजूद फेरुलिक एसिड एंटीऑक्सीडेंट कैंसर कोशिका को पनपने नहीं देता. कई अध्ययनों में पाया गया कि फेरुलिक एसिड कई तरह के कैंसर के जोखिम को कम करता है.