एम्स प्रशासन ने रेजिडेंट डॉक्टरों से अनुरोध किया है कि वे अपनी हड़ताल समाप्त कर कार्यस्थल पर लौट आएं। इसके साथ ही, एक पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जिसकी अध्यक्षता डीन करेंगे, ताकि मौजूदा समस्याओं का समाधान निकाला जा सके।
प्रशासन ने एक पत्र के माध्यम से स्पष्ट किया है कि एम्स स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा के प्रति पूरी तरह समर्पित है और उनके साथ एकजुटता में खड़ा है।
डॉक्टरों का प्राथमिक कर्तव्य है कि कोई भी मरीज बिना उपचार प्राप्त किए अस्पताल से न लौटे। केंद्र सरकार स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा को लेकर गंभीर है और सुप्रीम कोर्ट ने भी इस दिशा में सकारात्मक निर्देश जारी किए हैं। ऐसे में हम सभी रेजिडेंट डॉक्टरों से अपील करते हैं कि वे काम पर लौटें ताकि मरीजों को आवश्यक इलाज मिल सके।
हाल ही में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में डॉक्टरों की हड़ताल के कारण दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में पिछले दस दिनों में 12 हजार से अधिक सर्जरी स्थगित हो चुकी हैं, जिसमें एम्स में अकेले पांच हजार सर्जरी प्रभावित हुई हैं।
बुधवार को एम्स में 90 प्रतिशत तक सर्जरी नहीं हो पाई। इसके अतिरिक्त, सफदरजंग, डॉ. राम मनोहर लोहिया और लेडी हार्डिंग अस्पतालों में 12 अगस्त से पांच हजार से अधिक सर्जरी प्रभावित हुई हैं। मरीजों का कहना है कि हड़ताल के कारण उन्हें सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों से भी इलाज नहीं मिल पाया, और हालात ऐसे हैं कि फैकल्टी डॉक्टरों से भी उनकी समस्याओं को सही ढंग से समझाया नहीं जा सका, जिससे उनका इलाज प्रभावित हो रहा है।