शनिवार को मोदी सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों को बड़ा आदेश जारी किया है. केंद्र सरकार ने सभी ई-कॉमर्स वेबसाइटों से पेय पदार्थों को ‘स्वस्थ पेय’ श्रेणी से हटाने के लिए कहा है. केंद्र के इस फैसले से बोर्नविटा और अन्य प्रमुख ब्रांडों को बड़ा झटका लगा है.
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय का ये आदेश ऐसे वक्त में आया है, जब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) द्वारा एफएसएस अधिनियम 2006 के तहत इन पेय पदार्थों को ‘स्वस्थ पेय’ श्रेणी के तौर पर परिभाषित नहीं किए जानें की बात कही गई है.
गौरतलब है कि, मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में सीपीसीआर अधिनियम, 2005 की धारा 14 के तहत एक एनसीपीसीआर जांच का हवाला दिया गया, जिसने निष्कर्ष निकाला कि “एफएसएस अधिनियम 2006, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण और मोंडेलेज इंडिया फूड प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत नियमों और विनियमों के तहत कोई स्वास्थ्य पेय परिभाषित नहीं है.”
वाणिज्य मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है कि, सभी ई-कॉमर्स वेबसाइटों को सलाह दी गई है कि वे अपने संबंधित प्लेटफॉर्म से बोर्नविटा सहित अन्य पेय पदार्थों को ‘स्वास्थ्य पेय’ श्रेणी से हटा दें. मंत्रालय का यह आदेश एफएसएसएआई द्वारा ई-कॉमर्स वेबसाइटों को ‘स्वास्थ्य पेय’ या ‘ऊर्जा पेय’ श्रेणियों के तहत डेयरी, अनाज या माल्ट-आधारित पेय पदार्थों को शामिल नहीं करने के लिए कहने के कुछ दिनों बाद आया है.
खाद्य सुरक्षा निकाय का कहना है कि, ‘स्वास्थ्य पेय’ को कानूनों में परिभाषित नहीं किया गया है. कानूनों के अनुसार ‘एनर्जी ड्रिंक’ केवल स्वादयुक्त जल-आधारित पेय होते हैं. इसमें कहा गया है कि, गलत शब्दों का इस्तेमाल उपभोक्ता को गुमराह कर सकता है, जिससे वेबसाइटों को उन विज्ञापनों को हटाने या सुधारने के लिए कहा जा सकता है.
एनसीपीसीआर प्रमुख प्रियांक कानूनगो ने मंत्रालय, एफएसएसएआई , राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के उपभोक्ता मामलों के विभाग को लिखे पत्र में कहा था कि, बोर्नविटा सहित पेय पदार्थ को ‘स्वास्थ्य पेय’ श्रेणी के तहत नहीं बेचा जाना चाहिए.