हिंदू धर्म में वसंत पंचमी के त्योहार का विशेष महत्व होता है. इस दिन मां ज्ञान, कला और बुद्धि की देवी मां सरस्वती की विशेष पूजा आराधना की जाती है. वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार 14 फरवरी को वसंत पंचमी पर बहुत ही शुभ योगों का निर्माण होने जा रहा है. इस दिन मकर राशि में मंगल, शुक्र और बुध ग्रह की युति हो रही है. चंद्रमा मेष राशि में होकर गुरु के साथ गजकेसरी योग का निर्माण भी हो रहा है. मंगल के उच्च राशि में जाने से रूचक योग का निर्माण हो रहा है. वहीं रवि योग और रेवती नक्षत्र का संयोग भी बना हुआ है.
वसंत पंचमी पर करें सरस्वती वंदना
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता,
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना.
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता,
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं,
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्.
हस्ते स्फाटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्,
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥
वसंत पंचमी पूजा विधि
वसंत पंचमी के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत होकर पीले या सफेद रंग का वस्त्र पहनें. उसके बाद सरस्वती पूजा का संकल्प लें.
पूजा स्थान पर मां सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें. मां सरस्वती को गंगाजल से स्नान कराएं. फिर उन्हें पीले वस्त्र पहनाएं.
इसके बाद पीले फूल, अक्षत, सफेद चंदन या पीले रंग की रोली, पीला गुलाल, धूप, दीप, गंध आदि अर्पित करें.
इस दिन सरस्वती माता को गेंदे के फूल की माला पहनाएं. साथ ही पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं.
इसके बाद सरस्वती वंदना एवं मंत्र से मां सरस्वती की पूजा करें.
आप चाहें तो पूजा के समय सरस्वती कवच का पाठ भी कर सकते हैं.
आखिर में हवन कुंड बनाकर हवन सामग्री तैयार कर लें और ‘ओम श्री सरस्वत्यै नमः: स्वहा” मंत्र की एक माला का जाप करते हुए हवन करें.
फिर अंत में खड़े होकर मां सरस्वती की आरती करें.
वसंत पंचमी पूजा शुभ मुहूर्त-:
वसंत पंचमी पर बुद्धि और ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा का विधान होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 13 फरवरी को दोपहर 02 बजकर 41 मिनट से शुरू होकर 14 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 09 मिनट पर खत्म होगी. इस तरह से सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर दोपहर 12 बजकर 41 मिनट तक रहेगा.