यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में महाकुंभ 2025 में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के क्षेत्र में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है. ये आयोजन न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक प्रेरणा का स्रोत होगा. ये रिकॉर्ड भारत की सांस्कृतिक विरासत और आधुनिकता के बीच संतुलन से जुड़ा होगा. इन रिकॉर्ड्स के माध्यम से स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक एकता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों के प्रति जागरूकता फैलाई जाएगी. इस बार के महाकुंभ में कई ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं जो विश्व रिकॉर्ड बनाने की क्षमता रखते हैं. ये 4 बड़े रिकॉर्ड कौन से हैं आइए जानते हैं.
महाकुंभ 2025 का पहला गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड
सबसे बड़ा सिंक्रोनाइज्ड सफाई अभियान चलाया जाएगा. 15,000 से अधिक सफाई कर्मचारी एक साथ मिलकर 10 किलोमीटर के क्षेत्र को साफ करेंगे. ये अभियान न केवल स्वच्छता का संदेश देगा बल्कि गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाएगा. इसे दर्ज कराने के लिए सरकार ने करोड़ो रुपये खर्च किए हैं. इस वर्ल्ड रिकॉर्ड को बनाने और दर्ज कराने के लिए जो भी नियम कानून हैं उनका पालन किया जाएगा. विदेश से आयी टीम इसे देखकर ये रिकॉर्ड दर्ज करेगी.
महाकुंभ 2025 का दूसरा गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड
सबसे बड़ी ई-व्हीकल परेड होगी. महाकुंभ 2025 में इस बार 1,000 से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन एक साथ परेड में शामिल होंगे. ये परेड पर्यावरण संरक्षण का संदेश देती हुई एक नई विश्व रिकॉर्ड स्थापित करेगी. 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के स्नान से इस धार्मिक आयोजन की शुरुआत होगी.
महाकुंभ 2025 का तीसरा गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड
तीसरा वर्ल्ड रिकॉर्ड हाथ की पेंटिंग होगी. महाकुंभ में एक विशाल कैनवास पर हजारों लोग एक साथ मिलकर एक विशाल चित्र बनाएंगे, जो चित्र कला और सामूहिक प्रयास का एक अद्भुत उदाहरण होगा. 8 घंटों में 10,000 लोग इस हैंडप्रिंट्स पेंटिंग में सहयोग देंगे.
महाकुंभ 2025 का चौथा गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड
नदी सफाई अभियान का चौथा वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया जाएगा. महाकुंभ के दौरान नदी को साफ करने का एक बड़ा अभियान चलाया जाएगा. जो नदी की स्वच्छता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा और गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की भी संभावना है.
इस वर्ल्ड रिकॉर्ड पर उत्तर प्रदेश सरकार 4.87 करोड़ रुपये खर्च करने वाली है. जिसमें से 82 लाख से अधिक तो सिर्फ गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने की फीस ही होगी. इस बार उम्मीद की जा रही है कि प्रयागराज में 40-45 करोड़ श्रद्धालू आ सकते हैं. 45 दिनों के लिए इस क्षेत्र तो स्वर्ग नगरी में तबदील किया जा रहा है. यहां आने वाले लोगों को किसी चीज की कोई समस्या न हो इसके भी पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं.