कोविशील्ड लगवाने वालों को अब नहीं हैं डरने की जरूरत, केजीएमयू ने शोध पत्रों का अध्ययन कर जारी की रिपोर्ट

केजीएमयू के न्यूरोलॉजी विभाग ने कोविशील्ड वैक्सीन के दुष्प्रभावों पर अध्ययन किया है और देशभर में शोध पत्रों का विश्लेषण किया है। न्यूरोलॉजी इंडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, वैक्सीन लगवाने वालों को अब दो साल बाद ब्लड क्लाटिंग, दिल का दौरा पड़ने, और न्यूरो से संबंधित बीमारियों की आशंका कम है।

कोविड वैक्सीन की डोज लगाने के बाद हुई संभावित परेशानियों का अध्ययन करने के लिए डॉ. आरके गर्ग के नेतृत्व में केजीएमयू न्यूरोलॉजी विभाग ने एक महत्वपूर्ण अनुसंधान किया। इस अध्ययन में डॉ. गर्ग ने बताया कि जून 2022 तक देश में लगभग 1.97 अरब लोगों को कोविड वैक्सीन की डोज लगाई गई थी, जिसमें अधिकांश लोगों को कोविशील्ड वैक्सीन मिली थी। और देशभर में करोड़ों लोगों में से महज 136 लोगों को कुछ परेशानी हुई थी|

इस अध्ययन के विभाग में डॉ. हरदीप सिंह मल्होत्रा, डॉ. इमरान रिजवी, और डॉ. बालेंद्र प्रताप सिंह जैसे विशेषज्ञों ने वैक्सीन के दुष्प्रभावों पर प्रकाश डालने वाले शोध पत्रों का मूल्यांकन किया।

डॉ. गर्ग ने बताया कि कुल 136 मरीजों में दिक्कतें सामने आई थीं। इसमें 10 मरीजों के दिमाग में खून का थक्का जमने की शिकायत मिली थी। हरपीज के सबसे ज्यादा 31 मामले मिले थे। मस्तिष्क व स्पाइन कॉर्ड में सूजन और फंक्शनल न्यूरोलॉजिकल डिसआर्डर के मामले भी थे।

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