आज उत्तराखंड में एक गरिमापूर्ण समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें राज्य की 13 वीरांगनाओं को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए प्रतिष्ठित तीलू रौतेली राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर राज्य की 32 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी उनके समर्पित सेवा और योगदान के लिए राज्य स्तरीय आंगनबाड़ी पुरस्कार से नवाजा गया।
कार्यक्रम के दौरान, वीरांगना तीलू रौतेली के साहसिक और प्रेरणादायक जीवन पर आधारित एक शॉर्ट फिल्म भी प्रदर्शित की गई, जिसने वहां उपस्थित लोगों को उनकी वीरता और संघर्षशीलता से अवगत कराया।
इस सम्मान समारोह ने सभी उपस्थित लोगों के मन में एक नई ऊर्जा और प्रेरणा का संचार किया, साथ ही राज्य की महिलाओं और कार्यकर्ताओं को अपने क्षेत्रों में और भी अधिक समर्पण और उत्साह के साथ काम करने के लिए प्रेरित किया।
देहरादून की डॉ. माधुरी बड़थ्वाल ने प्रदेश की पहली गढ़वाली महिला संगीत अध्यापिका के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान की हैं, जिससे उन्होंने सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वहीं, रुद्रप्रयाग की विनीता देवी ने साहसिकता की मिसाल पेश करते हुए गुलदार के हमले से अपनी सास को बचाया। खेल के क्षेत्र में अल्मोड़ा की प्रीति गोस्वामी और बागेश्वर की नेहा देवली ने अपनी खेलकौशल से जिले का नाम रोशन किया है, जबकि हरिद्वार की संगीता राणा और पौड़ी की अंकिता ध्यानी ने भी खेल जगत में अपनी मेहनत और प्रतिबद्धता से महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं।
हस्तशिल्प के क्षेत्र में चमोली की नर्मदा देवी रावत ने अपनी कारीगरी से पहचान बनाई है, और साहित्य के क्षेत्र में चंपावत की सोनिया आर्या ने अपनी लेखनी से समाज को जागरूक किया है। विज्ञान के क्षेत्र में नैनीताल की सुधा पाल ने अपने अनुसंधान कार्यों से जिले का गौरव बढ़ाया है। सामाजिक क्षेत्र में पिथौरागढ़ की शकुंतला दताल और टिहरी गढ़वाल की रीना उनियाल ने समाजसेवा के माध्यम से महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जबकि उत्तरकाशी की गीता गैरोला ने भी सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किए हैं। पैरा बैडमिंटन में ऊधमसिंह नगर की मनदीप कौर ने अपनी मेहनत और समर्पण से उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। इन सभी महिलाओं ने अपने-अपने क्षेत्रों में अद्वितीय उपलब्धियां हासिल कर प्रदेश का मान बढ़ाया है और अन्य लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बनी हैं।