हिंदू पंचांग के अनुसार, साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को लगेगा. सनातन धर्म में सूर्य ग्रहण के दौरान सूतक काल रहता है. इस काल में कोई शुभ कार्य नहीं होता है. ऐसे में इस बार भी यह प्रश्न सभी को परेशान कर रहा है कि क्या इस सूर्य ग्रहण का सूतक काल भारत में माना जाएगा और हां तो ये कब से कब तक रहेगा.
वर्ष 2023 का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को लगा था. वहीं अब वर्ष का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर दिन शनिवार को लगने जा रहा है. सूर्य ग्रहण न केवल वैज्ञानिक दृष्टि बल्कि आध्यात्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक साल का अंतिम सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. लेकिन इसका प्रभाव संपूर्ण विश्व पर रहेगा.
अयोध्या के ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम बताते हैं कि हिंदू पंचांग के मुताबिक साल 2023 का अंतिम सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को रात्रि 8:34 पर लग रहा है, जो रात्रि में 2:25 पर समाप्त होगा. इस दिन अमावस्या तिथि है. पंडित कल्कि राम ने बताया कि यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, जिसकी वजह से सूतक काल यहां मान्य नहीं होगा. मुख्य रूप से यह सूर्य ग्रहण एंटीगुआ, कनाडा, ब्राज़ील, जमैका अमेरिका, कोलंबिया इत्यादि देशों में देखा जा सकेगा.
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक सूर्य ग्रहण जब लगता है तो उसका प्रभाव वहां ज्यादा पड़ता है, जहां वह देखा जा सकता है. पं. कल्कि राम ने बताया कि सूर्य ग्रहण भले ही भारत में न दिखे और उसके सूतक का प्रभाव यहां न पड़े, लेकिन एक ग्रहण के रूप में इसका असर राशियों पर दिखेगा. क्योंकि सूर्य आत्मा के कारक हैं, इसलिए इनका ग्रहण कई राशि वालों को प्रभावित कर सकता है.