हिन्दू धर्म मे कोई भी शुभ कार्य करने से पहले समय व तारिख के साथ में शुभ मुहूर्त देखा जाता है. जैसे की कोई भी शुभ कार्य मांगलिक कार्य, गृह प्रवेश, मकान निर्माण की शुरुआत, आदि करने से पहले शुभ मुहूर्त देखना जरुरी होता है. इस समय और मुहूर्त इसलिए देखा जाता है कि हमारा जो भी मांगलिक कार्य हो वह बिना कोई विघन के सम्पन हो जाए. बता दें कि जो भी यह कार्य है. इस पर कुछ दिनों के लिए रोक लगने वाली है.
जानिए कब से होगी होलास्टक की शुरुआत
हिन्दू धर्म मे होलाष्टक को अशुभ माना जाता है और इस बार सात मार्च से होलाष्टक शुरू हो रहा है. इस दौरान विवाह सहित अन्य मांगलिक कार्य नहीं होंगे. 13 मार्च को होलाष्टक समाप्त होगा. इस दिन होलिका दहन भी होगा. क्योंकि, इस बार मार्च से लेकर अप्रैल तक शुभ तिथि नहीं मिलेगी. होली के 8 दिन पहले, जहां होलाष्टक शुरू हो जाएगा, वहीं उसके बाद खरमास का प्रभाव रहेगा. ऐसे में मांगलिक कार्य लंबे समय तक वर्जित रहेंगे.
जानिए कितने दिन बजेंगी शहनाई
रंगों का पर्व होली इसके बाद ऐसे तो विवाह और मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं, लेकिन इस वर्ष 14 मार्च को मलमास शुरू हो रहा है. ऐसे में करीब एक माह तक इस दौरान शुभ और मांगलिक कार्य वर्जित रहेंगे. इस साल फरवरी से लेकर दिसंबर तक कुल शादियों के 42 मुहूर्त हैं.
अप्रैल से दिसंबर 2025 तक के विवाह के मुहूर्त
अप्रैल: 14, 16, 18, 19, 20, 25, 29, 30 तारीख
मई: 5, 6, 7, 8, 17, 28
जून: 1, 2, 4, 7 व 8 जून
जुलाई: इसके बाद 12 जून से गुरु अस्त होने व छह जुलाई को देव शयन दोष होने से विवाह मुहूर्त पर रोक रहेगी.
इसके बाद विवाह मुहूर्त 22 नवंबर से प्रारंभ होंगे, जो 22, 23, 25, 30 नवंबर, दिसंबर में चार, 11, 12 दिसंबर को मुहूर्त रहेंगे.